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    वायु प्रदुषण दिल्ली

    दिल्ली में स्मॉग का कहर बढ़ता ही जा रहा है। प्रदुषण से आम जनजीवन बुरी तरह अस्त-वयस्त है। वैसे सर्दियों के इस मौसम में स्मॉग की समस्यां दिल्ली के लिए आम बात हो गयी है, लेकिन इस बार हालात कंट्रोल से बाहर होते प्रतीत हो रहे है।

    प्रदुषण का स्तर इस तरह बढ़ गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है, तथा लोगो को घर से बाहर तक न निकलने कि हिदायत दे दिया है। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी दिल्ली के स्कूलो को मनीष सिसोदिया से बंद करवाने का आग्रह किया है।

    उधर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदुषण के इस मुद्दे पर दिल्ली, युपी और हरियाणा सरकार को दोषी ठहराया है। तथा सवाल किया है कि ”ये पता होते हुए कि आने वाले समय में ऐसे हालत उतपन्न हो सकते है तीनो राज्यों के सरकारों ने कुछ क्यों नहीं किया”।

    गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदुषण को कम करने के लिए हेलीकाप्टर से पानी का छिड़काव करने का आदेश दिया था। जिसे दिल्ली सरकार ने गंभीरता से न लेते हुए अनसुना कर दिया था। दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी डिक्लेयर कर दिया गया है।

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्मॉग को हार्ट डिसीज के लिए एक बड़ा खतरा माना है। प्रदुषण का असर न सिर्फ इंसानो बल्कि मशीनों पर भी दिख रहा है। विजिबिलिटी कम होने के कारण 20 से ज्यादा फ्लाइट्स पर असर पड़ा है। हालात अगर वक्त रहते न ठीक किये गए तो दिल्ली की हालत भी लंदन जैसी हो सकती है।

    आपको बता दे कि दिसंबर 1952 को लंदन में स्मॉग की वजह से हालात दयनीय हो गए थे करीब 4 हजार लोगो के साथ-साथ वहां के हजारो पशु पक्षी भी प्रदुषण के चपेट में आकर मारे गए थे। इस घटना से 12 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे।