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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि भारत के पूर्व नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव के खिलाफ 19 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय अदालत में सबूत पेश करेंगे। पाकिस्तान को एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में मृत्युदंड की सज़ा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ उसी वर्ष भारत अंतर्राष्ट्रीय अदालत में चला गया था। अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने भारत की अपील पर निर्णय करने तक  सज़ा पर रोक लगा दी थी।

    अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारत ने पूर्व की कई अर्जियां व जवाब दिए हुए हैं। अदालत ने जाधव मामले में अपनी अगली सुनवाई 18 से 21 फरवरी 2019 रखी है। भारत पाकिस्तान के कथित आरोपों को नकारता है। भारत के मुताबिक जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से रिटायर होने के बाद कारोबार के लिए गए थे और उनका सरकार को कोई लेना देना नहीं है। भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह राजनयिक पंहुच देने से इनकार कर रहा है, जो सरासर विएना संधि का उल्लंघन है।

    इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने कहा कि वियना संधि, 1963 केवल वैध राजनयिकों पर लागू होता है। इसके अंतगर्त जासूसी गतिविधियां नही आती है। भारत ने कई बार कहा है कि पाकिस्तान में सैन्य अदालत में जाधव की सुनवाई एक ढकोसला था। पाकिस्तानी खबर के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान के पास जाधव के खिलाफ जासूसी करने के सभी सबूत मौजूद है। साथ ही जाधव ने भी ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल कर ली है।

    पाकिस्तान का प्रतिनिधि दल 19 तारीख को अदालत में अपना पक्ष रखेगा। खबर के मुताबिक पाक विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का कानूनी दल अदालत में अपना पक्ष रखेगा कि भारतीय जासूस पाकिस्तान मर अपनी गतिविधियों की बात को कबूल कर चुका है।

    पाकिस्तान के मुताबिक उनके सुरक्षाबलों ने जाधव को साल 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। जहां वह ईरान से होते हुए पंहुच गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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