पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को गुजरात चुनाव के दौरान जब सुरक्षा गॉर्ड मुहैया कराने की पेशकश की गई, तो उन्होंने उसे ठुकराते हुए कहा कि जासूसी के लिए सरकार यह प्रयास कर रही है।
मेवाणी और हार्दिक दोनों ने सुरक्षा को ठुकरा कर यह संकेत दिए है की वो हर हाल में भाजपा का विरोध करेंगे। दोनों जल्द ही कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर सकते है। मेवाणी ने हाल ही में राहुल गाँधी से मुलाक़ात की थी। लेकिन अब हार्दिक और राहुल के बीच हुई बातों की भी चर्चा जोरो पर है। क्योंकि कांग्रेस ने हार्दिक की पांच मांगों में चार को स्वीकृति दे दी है लेकिन आरक्षण वाली बात पर कांग्रेस ने पटेल से कुछ वक्त माँगा है जिसपर 8 नवंबर को सोनिया गाँधी अपनी प्रतिक्रिया देंगी।
हार्दिक ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार उन्हें जबरदस्ती सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकती है और सुरक्षा गॉर्ड को उनकी गाड़ी में नहीं बैठा सकती है। यह सुरक्षा नहीं जासूसी करने का प्रयास है उन्होंने कहा कि काफी पहले जब मैंने सुरक्षा मांगी थी। तब सरकार ने देने से इंकार कर दिया था। हार्दिक ने कहा आज जब चुनाव नजदीक आ गए तो सुरक्षा देना एक धोखा है। सरकार मेरी हर हरकतों पर नजर रखना चाहती है। क्योकि भाजपा को अपने हार कर डर सताने लगा है इसलिए वो ऐसे हथकंडे अपना रही है।
हार्दिक ने पिछले माह यहां ताज होटल में राहुल गांधी से उनकी कथित गुपचुप मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज बाहर आने के बाद भी सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया था। जानकारी के अनुसार चुनाव में सरकार उनलोगो को सुरक्षा मुहैया करा रही है जिनपर खतरे का डर है। हार्दिक ने कहा कि मेरी सुरक्षा के बजाए सरकार को जनता की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।