अमेरिका ने तालिबान से अप्रैल के अंत तक अफगानिस्तानी सरजमीं से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का वादा किया था, यह सूचना तालिबानी प्रतिनिधि ने दी थी। अमेरिकी सेना ने कहा कि उन्हें अभी तक वापसी के कोई आदेश नहीं मिले हैं।
अल जजीरा के मुताबिक रूस में आयोजित तालिबान और अन्य अफगान नेताओं के बैठक के इतर तालिबानी अधिकारी अब्दुल सलाम हानफी ने कहा कि अमेरिका ने इस माह से ही सैनिकों को वापसी अहरु करने के कहा है।।
तालिबानी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने इस माह के शुरू होने पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया शुरू कर देगा और अप्रैल तक यह ख़त्म हो जाएगी। पेंटागन के प्रवक्ता आर्मी कर्नल रॉब मन्निंग ने कहा कि अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान से वापसी के आदेश मिल गए हैं। उन्होंने , कहा को तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया शुरु है, लेकिन अफगानिस्तान में सेना ले ढांचे में परिवर्तन के कोई बदलाव नही हुए हैं।
हानफी ने कहा कि अमेरिका और तालिबान एक तकनीकी समिति का गठन करेंगे “जिस पर हम सैनिकों की वापसी की समयसीमा को योजना तय करेंगे।” खबरों के मुताबिक पेंटागन गर्मियों तक 14000 सैनिकों को वापसी की योजना बना रही है।
अमेरिका के अधिकारियों की शांति वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत जारी है, जिससे 17 वर्ष के विवाद के थमने के आसार बढ़ गए हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सेना को वापस आने के आदेश दिए है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस जंगी सरजमीं पर हमने आईएसआईएस को खदेड़ दिया है। अधिकारीयों के मुताबिक अमेरिकी सेना इस आदेश का जल्द पालन कर रही है।
कांग्रेस में एक रिपोर्ट में खुफिया नेताओं ने चेतावनी दी है कि आईएस के अभी भी सीरिया और इराक में हज़ारों लड़ाके हैं, औऱ अमेरिकी सैनिकों की अनुपस्थिति में वह वापसी कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इस रिपोर्ट को गलत और पक्षपाती बताया। इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमने चरमपंथियों को खत्म कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इराक में हम अपना ठिकाना बनाये रखेंगे क्योंकि ईरान पर निगाह बनाये रखना जरूरी है, असल समस्या तो ईरान है। अगर कोई परमाणु हथियार या अन्य हथियार बनाना चाहेगा, तो समय से पूर्व हमे इसका भान हो जाएगा। उन्होंने कहा हम कभी न खत्म होने वाली इस जंग से बाहर आना चाहते हैं और अपने सैनिकों की घरवापसी चाहते हैं।