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    सीरिया में इजराइल निरंतर ईरान के ठिकानों पर हवाई हमले करते रहता हैं। ईरान ने इजराइल को चेतावनी देते हुए कहा को यफी वह सीरिया में हमले जारी रखेगा तो वह उन्हें माकूल और दृढ़ लहजे प्रतिक्रिया देगा। सीरिया में तेहरान राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार और उसकी सेना का समर्थन करता है। यह बीते आठ वर्षों से सीरिया के विद्रोहियों और चरमपंथियों से जंग लड़ रहे हैं।

    इजराइल को ईरान अपनी सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा और दुश्मन मानता है। इजराइल सीरिया में ईरानी निशाने औऱ चरमपंथियों पर हवाई हमले करता रहता है। इजराइल में अप्रैल में चुनाव जोन है और इजराइल इस समय खुलकर ईरान पर हमले के कसीदे पढ़ रहा है।

    ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमखानी ने तेहरान में सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल मोअलेम से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इजराइल के हमले सीरिया की अखंडता का उल्लंघन कर रहे हैं और गैर बर्दाश्तन है। उन्होंने कहा कि ” यदि ऐसी कार्रवाई जारी रही तो हम इसी तरह का रवैया अख्तियार करेंगे और इजराइल की झूठी हुकूमत और अपराधियों को माकूल और ठोस जवाब देंगे। ईरान निरंतर सीरिया में अपनी सेना की तैनाती की बात कबूलता रहा है।

    इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पत्रकारों से कहा कि हमारी सिर्फ एक ही योजना है, सीरिया में ईरानी सैन्य ठिकानों को तबाह करना और जो हमें नुकसान पंहुचाये उसका विनाश करना।

    बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य अधिकारी हालिया दिनों में सीरिया में हवाई हमलों की जानकारी को सार्वजनिक स्तर पर साझा करते रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से अपने सभी 2000 सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया किया था। सीरिया में अमेरिका, राष्ट्रपति बशर अल असद का विरोध करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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