पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के आन्तरिक मामलों में दखलंदाजी न करने का इरादा बयां किया है। उन्होंने कहा कि भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने की पाकिस्तान की को मंशा नहीं है और भारत को भी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता और मिर्वैज़ उमर फारूक से मेरी फ़ोन पर हुई बातचीत का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए।
मुल्तान में संवाददाताओं से बातचीत में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि “पाकिस्तन को भारतीय मसलों में घुसने की कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन भारत को भी उनकी दिक्कतों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना बंद करना चाहिए। हुर्रियत नेता से मेरी बातचीत का भारत को गलत नही लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “हम भारत क्व साथ कश्मीर मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझना चाहते हैं, लेकिन भारत को सकारात्मक प्रतिक्रिया नही देता हैं। भारत मे मसले उभर रहे हैं, इसमे पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है।” उन्होंने कहा कि लंदन के हाउस ऑफ कॉमन की आगामी बैठक में वह कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के विचारों को साझा करेंगे। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि भारत मे चुनाव उनका आंतरिक मसला है और पाकिस्तान इसके बाद नई सरकार से बातचीत के लिए प्रयास करेगा, बशर्ते भारत सरकार पाकिस्तान के साथ कार्य करने में दिलचस्पी दिखाए।
भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आतंक और वार्ता साथ मे संभव नही है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार की सफल कूटनीति के कारण पाकिस्तान के अन्य देशो के साथ संबंध सुधरे हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस इस माह ही पाक की यात्रा करेंगे और इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री की अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मिर्वैज़ उमर फारूक से टेलीफोन पर बातचीत का भारत ने विरोध किया था और पाकिस्तानी उच्चायुक्त को भारतीय विदेश सचिव ने तलब किया था। पाकिस्तानी मंत्रालय की तरफ सेजारी एक बयान में “पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस से बातचीत की और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों के बाबत उन्हें सूचना दी।” पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मिर्वैज़ उमर फारूक को कश्मीर मसले पर अपनी सरकार के प्रयासों के बाबत बताया था।
रायटर्स के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मामले से दूर रहने का आदेश दिया था और भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब किया था। भारतीय सचिव ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान द्वारा हालिया कृत्य की आलोचन की थी।