पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले से बरी हुई आसिया बीबी को शरण देने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्ताव पारित हुआ था। कांग्रेस के संसद केन कालवेर्ट ने कहा कि “आसिया बीबी का शोषण हुआ, कारावास की सजा हुई और उन्हें धमकाया गया, क्योंकि वह एक क्रिस्चियन महिला थी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने आसिया बीबी को मिली मृत्यु दंड की सज़ा को रद्द देना और उन्हें बरी कर विदेश जाने के आज़ादी देना एक अच्छी खबर है। कांग्रेस के सांसद ने कहा कि “आसिया अभी भी खतरे में हैं और कट्टरपंथी इस्मालिक नेताओं का प्रदर्शन जारी है। इसलिए कांग्रेस और अन्य धार्मिक आज़ादी के संरक्षकों की जिम्मेदारी है कि उनके लिए खड़े और उनका संरक्षण करें।”
पाकिस्तान में जान के खात्र के कारण आसिया बीबी जल्द ही पाकिस्तान छोड़ देंगी। उनकी दो बेटियों को पहले ही कनाडा शिफ्ट कर दिया गया है। आसिया बीबी के चार बच्चे हैं और वह पाकिस्तान में पड़ोसियों द्वारा ईशनिंदा के आरोप झेल रही थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरूवार को कहा कि “मेरी जानकारी के मुताबिक आसिया अभी मुल्क में ही है। वह एक मुक्त नागरिक है। अगर वह पाकिस्तान में रहना चाहती है तो वह मुल्क में रह सकती है। अगर वह विदेश जाना चाहती है तो वह आजाद है। यह पूरी उनकी इच्छा पर निर्भर है और इस पर कोई पाबंदी नहीं है।”
मध्य पंजाब प्रांत की आसिया बीबी को उच्च अदालत ने साल 2010 में ईशनिंदा मामले में मौत की सज़ा सुनाई थी। इस केस ने अंतर्राष्ट्रीय जगत का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था कि एक इस्लामिक राष्ट्र में ईशनिंदा पर मौत की सज़ा तय है।
तहरीक-ए-लाबैक पार्टी ने आसिया बीबी के रिहाई के विरोध में पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन किये थे, जिसका नेतृत्व खादिम रिज़वी कर रहा था। तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में आगजनी और सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था। इस प्रदर्शन के बाद इमरान खान ने आसिया बीबी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी थी।
आसिया बीबी समर्थन करने पर पंजाब प्रांत के राज्यपाल सलमान तासीर की साल 2011 में हत्या कर दी थी। सलमान तासीर की हत्या के एक माह बाद ही अल्पसंख्यक मामलो के क्रिस्चियन मंत्री शाहबाज़ भट्टी ने भी ईशनिंदा कानून के खिलाफ बोला था और उनकी इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।