पाकिस्तान में विदेशी मुल्क में रह रहे अपने नागरिकों के निवेश के लिए एक नया इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट जारी किया है। प्रधानमन्त्री इमरान खान ने गुरूवार को इसका खुलासा किया था। इस स्कीम की नाम “मेक पाकिस्तान” सर्टिफिकेट है, यह एक अमेरिकी मुद्रा का बोंड है जिसने निम्नतम निवेश 5000 डॉलर का रखा गया है।
इमरान खान ने एक समारोह के दौरान कहा कि इस बोंड को लागू करने का मकसद देश को विपरीत परिस्थितियों से निकालना है, ताकि नकदी संकट में सुधार हो सके और बजट कम व व्यापार घाटा भी कम हो सके। उन्होंने कहा कि “मैं विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों से इस सर्टिफिकेट को खरीदने का आग्रह करना चाहूँगा और पाकिस्तान के बेहतर भविष्य के लिए निवेश करने की गुजारिश करता हूँ।”
आईएमएफ और विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जून 2019 के वित्तीय वर्ष तक 4.0 4.5 प्रतिशत के बीच में रहेगी। पिछले वित्तीय वर्ष में वृद्धि 5.8 प्रतिशत थी। इमरान खान ने सत्ता सँभालने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को वित्तीय संकट से उभारने के लिए कई जतन किये हैं।
इमरान खान ने सरकार की भैंसे और महंगे वाहन की नीलामी कर दी थी। साथ ही अपने सहयोगी देशों से कर्ज की मांग की थी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का भी दरवाजा खटखटाया था। पाकिस्तान के मिडिल ईस्ट में सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी यूएई ने, पाकिस्तान की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 3 अरब डॉलर की रकम देने का ऐलान किया था।
सऊदी अरब ने भी इमरान खान को 3 अरब डॉलर देने का वादा किया है। इमरान खान ने अक्टूबर में सऊदी अरब का दौरा किया था। पाकिस्तान को चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बीआरआई से निवेश के रूप में काफी बड़ी रकम मिली है।नवम्बर में आईएमएफ की एक टीम ने अधिकारीयों के साथ बैलआउट पैकेज के बाबत चर्चा करने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। अलबत्ता बातचीत बिना समझौते के समाप्त हो गयी थी।