भारतीय मूल के 100 छात्र और आठ विद्यार्थियों को अमेरिका में गिरफ्तार किया जा चुका है और यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट द्वारा की गयी रेड के बाद गिरफ्तारियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। साजिशकर्ताओं को इस बात का अंदेशा नहीं था कि होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टीगेशन के विशेष एजेंट अंडरकवर ऑपरेशन के तहत फार्मिंगटन यूनिवर्सिटी का संचालन कर रहे थे। आठ आरोपी ‘पे टू स्टे’स्कीम के तहत अवैध अप्रवासी छात्रों को नकद, किकबैक और ट्यूशन क्रेडिट के तहत यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाते थे।
डेट्रॉइट फ्री प्रेस ने सूचना जारी की है कि एसोसिएशन ने 100 छात्रों की गिरफ्तारी की पुष्टि है और अन्यों पर अभी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा कि वह प्रभावित छात्रों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं और इस मामले पर वह अमेरिका में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त से भी मिले हैं।
20 से 30 वर्ष के कथित आरोपियों में बर्थ ककिरेड्डी, सुरेश कांडला, फनिदीप कर्नाती, प्रेम राम्पीसा, संतोष समां, अविनाश थक्कालापल्ली, अश्वंथ नुने और नविन प्रतिपाठी थे। हालांकि सम्बंधित विभाग ने इनकी राष्ट्रीयता उजागर नहीं की है। आरोपियों में से छह की गिरफ्तारी भीडभाड़ वाले इलाके और दो की फ्लोरिडा और विर्जिनिया में हुई थी।
विशेष एजेंट चार्ज फ्रांसिस ने कहा कि “सैकड़ों अन्य राष्ट्रों के अप्रवासी छत्र बनकर अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे, इनमे से अधिकतर छात्र नहीं थे। होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टीगेशन ने व्यापक राष्ट्र में अमेरिकी अप्रवासी कानून का उल्लंघन करने वालों का खुलासा किया है।”
जांच के मुताबिक फ़रवरी 2017 जनवरी 2019 तक, विदेशी नागरिकों का एक समूह सैकड़ों विदेशी आप्रवासियों को फर्जीवाड़ा कर अवैध तरीके रखते हैं और वे अमेरिका में कार्यरत होते है। उन्हें फार्मिंगटन यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाया जाता है। आठ आरोपी ‘पे टू स्टे’स्कीम के तहत अवैध अप्रवासी छात्रों को नकद, किकबैक और ट्यूशन क्रेडिट के तहत यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाते थे।
एटीए ने आग्रह किया कि “अमेरिका में नामी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाने का वादा करने वाले फर्जी एजेंटो से दूरी बनाये रखे।”