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    तालिबान के साथ अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद की जारी शांति वार्ता पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मोहर लगा दी है। बुधवार को डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चरमपंथी समूह तालिबान के साथ वार्ता सकारात्मक दिशा में अग्रसर है। अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद ने बीते हफ्ते क़तर में तालिबानी प्रतिनिधियों के साथ चौथे चरण की वार्ता की थी। उन्होंने कहा कि वार्ता में सार्थक प्रगति हो रही है।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि 18 वर्षों से जारी जंग में अब बातचीत सकारात्मक दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि कभी न खत्म होने वाली इस जंग से अफगानिस्तान की जनता अब निजात चाहती है। बातचीत सफलतापूर्वक होने के बाद हम जल्द ही शांति देखेंगे। बीते हफ्ते दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से ज़लमय खलीलजाद ने छह दिनों तक बातचीत की थी। बीती बैठकों के लिहाज से यह वार्ता काफी फलदायी रही है। हमने कई मसलों पर सार्थक प्रगति हासिल की है।

    बीते सितम्बर में अफगानिस्तानी राजदूत की नियुक्ति के बाद अमेरिका की सबसे लम्बी लड़ाई को समाप्त करने के प्रयास शुरू कर दिए थे। 17 वर्षों के इस युद्ध में अमेरिका ने अपने 2400 सैनिकों को गंवाया है। तालिबान का नियंत्रण आधे से अधिक अफगानी इलाके में हैं। अफगानिस्तान के युद्ध में अमेरिका 9/11/2001 के हमले के बाद कूदा था। तालिबान ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण प्रदान कर रखा था। इसके बाद तालिबान की ताकत में वृद्धि हुई है।

    डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस कोअट्स ने कहा कि “न अफगान सरकार और न ही तालिबान को आगामी वर्षों में रणनीतिक फायदा हासिल करने में सफलता मिलेगा, यदि गठबंधन मौजूदा स्तर पर समर्थन करता है तब भी कोई फायदा नहीं है।”

    अफगानिस्तान में नियुक्त पूर्व अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका अफगान सरकार की बिना चर्चा किये तालिबान से बातचीत कर रहा है और यह अफगानी सरकार के लिए गैर तर्कसंगत है। उन्होंने इस कदम को ट्रम्प सरकार का आतंक के समक्ष आत्मसमर्पण करार दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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