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    कश्मीर का अलगाववादी नेता

    पाकिस्तान ने 5 फ़रवरी को कश्मीर दिवस मनाने निर्णय लिया है, ताकि इस ज्वलंत मुद्दे का समाधान करने की भारत सरकार की अनिच्छा के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सके। अलगाववादी नेता मिर्वैज़ उमर फारूक ने बुधवार को कहा कि, पाकिस्तान के विदेश मन्त्री ने उनसे कहा है कि “हम 5 फ़रवरी को पाकिस्तान में कश्मीर दिवस का आयोजन करेंगे और हम मुल्क की सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित करते है कि वे कश्मीर मसले पर समर्थन करें।”

    अलगाववादी नेता ने मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फ़ोन पर बातचीत की थी। पाकिस्तानी विदेश विभाग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक उन दोनों ने कश्मीर मसले पर बातचीत की थी। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर में भारत द्वारा मानवधिकार उल्लंघन का खुलासा करने का प्रयास कर रही है।

    भारत ने कहा कि पाकिस्तान का यह कदम उनके नेतृत्व के दोहरे चरित्र का प्रदर्शन करता है। मिर्वैज़ उमर फारूक ने कहा कि “हम जम्मू-कश्मीर के मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और पाकिस्तान इस मामले को शांतिपूर्ण वार्ता से हल के इच्छुक है।” उन्होंने कहा कि कश्मीर मामला एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है न कि एक विकासशील मसला है।

    मिर्वैज़ फारूक ने कहा कि “कश्मीरी जनता परेशान है क्योंकि भारत सरकार द्वारा आक्रमक नीतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे कश्मीरी युवाओं को चरमपंथ की तरफ धकेलने के लिए जिम्मेदार है।” भारत ने हमेशा ही कश्मीर मसले को द्विपक्षीय कहा है और किसी तीसरे पक्ष को इसमें दखलंदाजी ने देने की हिदायत दी है। जम्मू कश्मीर में जो मौजूदा हालात है,यह भारत का आंतरिक मसला है और पाकिस्तान को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं हैं।

    पाक विदेश मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने भारत सरकार के साथ बातचीत के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश नई दिल्ली ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की। वे आगामी चुनावों के बाद भारत की नई सरकार के साथ शांति वार्ता करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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