सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की प्रवेश के खिलाफ दायर की गयी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 6 फरवरी से सुनवाई करेगा। बता दें की 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर केस में अपना फैसला सुनाया था, जिस फैसले के खिलाफ केरल में जगह जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
दरअसल सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलओं को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नही थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर अपने फैसले में सभी वर्ग की महिलओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देकर एक एतिहासिक फैसला सुनाया था। संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था की संविधान के मुताबिक हर किसी को, बिना किसी भेद भाव के मंदिर में पूजा करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
शीर्ष कोर्ट से फैसला आने पर फैली अराजकता के बाद कोर्ट में कई सारी समीक्षा याचिका दायर भी की गयी,जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। गुरुवार को केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने एक बयान जारी करते हुए कहा की केरल में विनाशकारी बाढ़ के बाद सबरीमाला मंदिर फैसले से फैली हिंसा हमारे लिए एक बड़ा आपदा बनकर उभरी। इस हिंसा के बाद कई सारी महिलाएं सड़को पर उतर आई और प्रदर्शन में आवाज़े बुलंद कर कहीं की वे समान और अपवित्र नहीं है।
दिलचस्प है, की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही बेंच के जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा था की उनकी राय में कोर्ट को धार्मिक मान्यता में दखल नहीं देना चाहिए। खैर जो भी हो, 48 समीक्षा याचिका दायर होने पर अंततः सुप्रीम कोर्ट दुबारा अपने ही फैसले की समीक्षा करने को तैयार हो गयी है।