पाकिस्तान में बनने जा रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को नीति आयोग ने सिर्फ एक सपना बताया है। नीति आयोग के वाईस-चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा है कि यह योजना सिर्फ एक शौर है और हकीकत में यहाँ कुछ नहीं होगा।
जाहिर है चीन वन बेल्ट वन रोड परियोजना के जरिये पाकिस्तान से होकर एक आर्थिक गलियारा बना रहा है जिसके जरिये चीन का संपर्क सीधे तौर पर अरब सागर से हो जाएगा। इसके लिए चीन पाकिस्तान के कराची के ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने जा रहा है।
बाहरी तौर पर चीन और पाकिस्तान इसे व्यापार सम्बंधित योजना बता रहे हैं लेकिन इस योजना के जरिये दोनों देश भारत के खिलाफ अपने आप को तैयार कर रहे हैं। पाकिस्तान को भारत से निपटने के लिए चीन के रूप में एक शक्तिशाली साथी नजर आ रहा है। इसी कारण से पाकिस्तान लगातार चीन की योजनाओं में आगे आकर साथ दे रहा है।
अब नीति आयोग की ओर से कहा गया है कि चीन की इस योजना का फायदा पाकिस्तान के कुछ अमीर लोगों को ही होने वाला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस योजना से पाकिस्तान में निर्माण कार्य को मजबूती मिलेगी। लेकिन इसके बदले में चीन पाकिस्तान से भारी राशि वसूलने जा रहा है।
राजीव ने कहा कि इस योजना की वजह से भारत को कोई असर नहीं पड़ेगा। यह चीन की एक महत्वकांशी योजना है जिसे पूरा करने के लिए चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है।
कुमार ने बताया, ‘यह कहना कि इस आर्थिक गलियारे की मदद से पाकिस्तान में चीनी विक्रेता आकर क्यापार शुरू करेंगे, सच नहीं है। यह सिर्फ एक सपना चीन पाकिस्तान को दिखा रहा है। यह चीन की सदियों पुरानी एक योजना है जिसके जरिये चीन सीधे तरीके से अरब सागर तक पहुंचना चाहता है।’
कुमार ने आगे कहा, ‘पाकिस्तान के नेताओं ने अपने आप को चीन के साथ इस कदर बाँध लिया है जो पाकिस्तान की आम जनता के लिए काफी खतरनाक होगा। पाकिस्तान के लोगों का चीन के लोगों के साथ मौलिक तौर पर किसी तरह का सम्बन्ध नहीं है। वन बेल्ट वन रोड योजना पाकिस्तान के लिए एक विकास योजना से ज्यादा भारत से टक्कर लेने के लिए जरूरी है।’