श्रीलंका में भारतीय सहायता से निर्मित दो स्कूलों को भारत ने जनता को सुपुर्द कर दिया है। यह ईमारत जफ्फ्ना जिले के नवत्कुली और चावाकचेरी बनी थी। इन स्कूल की बिल्डिंग का उद्धघाटन संययुक्त रूप से भारतीय उच्चायोग के कमिश्नर डॉक्टर शिल्पक अम्बुले और उत्तरी प्रांत के गवर्नर डॉक्टर सुरें राघवन ने किया था।
यह इमारते न्यू क्लास रूम बिल्डिंग के तहत बनायीं गयी है, उत्तरी प्रांत में 27 स्कूलों के निर्माण में 25 करोड़ श्रीलंकन मुद्रा ली लागत आई थी। 10 स्कूल की इमारत का काम पूरा हो चुका है और इनका उद्धघाटन भी हो गया है। शेष इमारतों को आगामी दिनों में सौंपने की उम्मीद है।
इस समारोह में भारतीय उच्चायोग ने युवाओं से इस मौके को भुनाने का आग्रह किया और इसे उपलब्धियों में तब्दील करने को कहा। साथ ही उन्होंने भारत सरकार द्वारा जनता के लिए विकास सहयोग परियोजनाओं के बाबत भी बताया था। इस क्षेत्र में भारत सरकार अभी 46000 घरों का निर्माण करवा रही है।
उत्तरी प्रांत सहित आठ प्रान्तों में 1990 आपातकाल एम्बुलेंस सर्विस है। उत्तरी प्रांत में भारत सरकार की सहायता से जारी परियोजनाओं में जफ्फ्ना में सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, 3000 जल संरक्षण इकाई का निर्माण, 25 आधुनिक गाँवों के निर्माण में 600 मकान और जफ्फ्ना में बिज़नेस इनक्यूबेटर सेंटर शामिल है।
जफ्फ्ना सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण की अनुमानित लागत करीब 1.2 लाख डॉलर है और इसका निर्माण पूरा होने की अवधि 2019 के मध्य तक है और यह स्थानीय सांस्कृतिक और परंपरा के लिए प्रतिष्ठित चिन्ह है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने रविवार को नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इस दौरान विमानन मंत्री अर्जुन राणातुंगा और श्रीलंका में भारत के उच्चायोग तरंजित सिंह संधू भी मौजूद थे।
छह डीजल मल्टीप्ल यूनिट ट्रेन को और 10 लोकोमोटिव ट्रेन का समझौता श्रीलंका के रेलवे विभाग ने मार्च 2017 में किया था। भारतीय वित्तीय रियायत के तहत श्रीलंका को 50 वैगन और 500 बसे डेलिवर की जाएगी। इस समझौते की कुल कीमत एक करोड़ डॉलर के करीब थी। भारत ने श्रीलंका के रेलवे क्षेत्र में विकास के लिए 1.3 अरब डॉलर की कीमत देने की प्रतिबद्धता दिखाई थी।