बजट की घोषणा किये जाने से कुछ ही दिन पहले, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्यों को मौजूदा कृषि संकट से निपटने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम शुरू करनी चाहिए।
सब्सिडी से की जा सकती है धन की व्यवस्था :
पूर्व मुख्या सलाहकार अरविन्द सुब्रमण्यम के अनुसार जो धन इस स्कीम को लागु करने और चलाने के लिए चाहियेगा वह धनराशी भारतीय रिजर्व बैंक के भंडार से नहीं निकाली जानी चाहिए, बल्कि इस धन की व्यवस्था मौजूदा फार्म और उर्वरक सब्सिडी के प्रतिस्थापन के माध्यम से की जा सकती है।
अरविन्द सुब्रमण्यम का है यह मत :
इस स्कीम को लांच करने के तरीके के बारे में उन्होंने अपना मत देते हुए कहाकि इसे ऐसे लौंच करना चाहिए की यह समृद्ध और खुशहाल लोगों के अलावा सभी की मदद करे। ऐसा उन्होंने एक रिसर्च परिपत्र में कहा जोकि उन्होंने दो और लोगों के साथ मिलकर लिखा है।
क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम :
यूनिवर्सल बेसिक स्कीम के तहत देश के हर नागरिक के बैंक खाते में सीधे एक फिक्स्ड अमाउंट ट्रांसफर किया जाएगा।
- इस योजना के तहत लोगों की सामाजिक और आर्थिक अवस्था मायने नहीं रखती है।
- यूबीआई की सबसे खास बात है कि यह सबके लिए होगा. यह किसी खास वर्ग को टारगेट करके नहीं लागू किया जाएगा।
- यह बिना शर्तों का होगा यानी किसी व्यक्ति को अपनी रोजगार की स्थिति या सामाजिक-आर्थिक स्थिति को साबित करने की जरूरत नहीं होगी।
- यूबीआई के तहत सिर्फ जीरो इनकम वाले लोगों को ही इस सुविधा का पूरा लाभ मिलेगा।
- ऐसे लोग जिनकी बेसिक इनकम के अलावा भी आमदनी का जरिया होगी, उनके इनकम पर टैक्स लगाकर सरकार फायदे को कंट्रोल करेगी
मोदी सरकार के लिए यह स्कीम है ब्रह्मास्त्र :
यह स्कीम मोदी सरकार के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है क्योंकि सरकार इस योजना के माध्यम से राजनीतिक लाभ लेने की भी सोच रही है। कांग्रेस के किसान कर्ज माफी की योजना ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। बीजेपी देशभर में किसान कर्ज माफी के पक्ष में नहीं है ऐसी स्थिति में पार्टी के लिए यह योजना काफी कारगर साबित हो सकती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि यह स्कीम लागू की जाती है तो यह देश में हर वर्ग को लाभ देगी। विशेषज्ञों का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इसे लागू करने में सफल होती है तो यह पार्टी के लिए जीत दिलाने वाली योजना साबित होगी।