आम आदमी पार्टी में एक बार फिर दोहरे राजनीतिकरण का व्यवहार देखा जा रहा है। अमानतुल्लाह की वापसी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने नराजगी जताई है। लेकिन उन्होंने अपनी नराजगी जाहिर न करते हुए सांकेतिक तौर पर जनता की अदालत को अपना सरोकार बताया है।
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुमार विश्वास का नाम शामिल नहीं किया गया है। लेकिन पार्टी की अभी तक की चार बैठकों में कुमार विश्वास ने ही मंच संचालन किया था। अब कुमार विश्वास ने अपना नाम राष्ट्रीय परिषद में ना होने से बागी होने के संकेत दे दिए है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान कुमार ने कहा है कि वो इस कार्यकारणी बैठक में एक सामान्य कार्यकर्त्ता की हैसियत से जायेंगे। जब उनसे अमानतुल्लाह की वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बात को नकारते हुए इस खेल में न फंसने की बात कही।
आम आदमी पार्टी की 2 नंवबर को पांचवी राष्ट्रीय परिषद् की बैठक है। जिसका संचालन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करेंगे, वही पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह देश की मौजूदा हालात पर बोलेंगे और कार्यकर्त्ता और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत रखने की बात कहेंगे और अंत में समापन भाषण केजरीवाल के द्वारा होगा। वही पार्टी ने कुमार विश्वास को बोलने का मौका नहीं देने के बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया वयक्त नहीं की है। लेकिन वही विश्वास ने अपनी बातो को रखते हुए यह साफ कर दिया है कि अगर पार्टी उन्हें बोलने का मौका देती है तो वो अपना पक्ष जरूर रखेंगे। लेकिन पार्टी के मंसूबे कुमार के प्रति क्या है अभी तक पार्टी ने जाहिर नहीं किये है।
अमानतुल्लाह की वापसी को लेकर पार्टी की पांचवी राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में यह एक मुद्दा हो सकता है लेकिन पार्टी ने अभी तक इसको नकारा है। ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह को पार्टी ने कुमार विश्वास पर की गई अभद्र टिपण्णी के कारण निलंबित कर दिया था। अमानतुल्लाह ने विश्वास को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट बताया था और पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच के आदेश दे दिए थे। हालाँकि सूत्रों की माने तो दो दिन पहले समिति के तरफ से निलंबन ख़ारिज कर अमानतुल्लाह को पार्टी में वापस ले लिया गया है। इसपर कुमार विश्वास ने अमानतुल्लाह को मुखौटा करार दिया है।