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    चीनी परियोजना

    चीन ने अपनी महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनके राजदूतों को बीआरआई अवार्ड से नवाज़ा हैं। इस परियोजना के तहत चीन-पाक आर्थिक गलियारे का प्रोजेक्ट भी आता है जो काफी विवादित है।

    रविवार को सरकारी अखबार ने सूचना दी कि 24 जनवरी को बीजिंग में पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और बोसिना-हेर्ज़ेगोविना के राजदूतों को सिल्क रोड सुपर एम्बेसडर के खिताब से नवाज़ा गया है। बीआरआई परियोजना की मंशा चीनी निवेश से समस्त विश्व में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है, जैसे प्राचीन रेशम मार्ग था।

    भारत ने चीन की सीपीईसी परियोजना का विरोध किया था, यह परियोजना पाकिस्तानी अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है। चीन ने हाल ही में श्रीलंका पर कर्ज चुकता न कर पाने के कारण 99 साल के लिए हबंटोटा बंदरगाह अपने अधिकार में ले लिया था। इससे सभी देशों में कर्ज के जाल में फंसने का डर बैठ गया था।

    चीन में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खालिद ने इस समारोह से पूर्व ग्लोबल टाइम्स से कहा कि पाकिस्तान को सीपीईसी परियोजना से मुनाफा है। हमारा सहयोग काफी अधिक है और हम इससे काफी प्रसन्न है। हमें विशवास है और हम आगे बढ़ रहे हैं, हम आगे जाकर अपने सहयोग में अधिक उन्नति देखेंगे।

    मालदीव में पूर्वर्ती सरकार के मुखिया अबुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान देश पर चीनी कर्ज का भार काफी बढ़ गया था। मौजूदा सरकार के प्रमुख इब्राहीम सोलिह हैं और उन्होंने चीन की सभी परियोजनाओं की समीक्षा कादेश दिया है। ख़बरों के मुताबिक चीन के बढ़ते कर्ज के भय के कारण पाकिस्तान ने हाल ही में सीपीईसी के तहत 62 अरब डॉलर की परियोजना को रद्द किया था।

    मालदीव पहला देश है जिसने बीआरआई को जॉइन किया था। चीन में मालदीव के राजदूत मोहम्मद फैसल ने कहा कि “पिछले चार से पांच माह में मालदीव को चीन की तरफ से काफी विकास सहायता मुहैया हुई है और भविष्य में हमें चीन की परियोजना बीआरआई से काफी उम्मीदे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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