रेल मंत्री पियूष गोयल ने घोषणा की की भारत की सबसे तेज़ इंजन रहित ट्रेन जिसे अभी तक ट्रेन 18 के नाम से बुलाया जा रहा था उसका नाम अबसे वन्दे भारत एक्सप्रेस रखा गया है और इसकी सेवाएं जल्द ही शुरू की जायेंगी।
ट्रेन के निर्माता सुधांशु मणि का बयान :
दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई जाने वाली पहली ट्रेन सेवा को वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिया गया है और यह जल्द ही शुरू की जायेगी। इस परियोजना में ICF द्वारा स्वयं और भारतीय भागीदारों के साथ मिलकर किए गए अभिनव परिश्रम को देखते हुए, इसे एक तरह से नाम देना पड़ा जिसने राष्ट्र को श्रद्धांजलि दी जा सके।
पूरी तरह भारत में निर्मित है ट्रेन 18 :
सुधांशु मणि ने बताया हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस ट्रेन की अवधारणा और डिजाइन परियोजना पूरी तरह से भारत में किया गया है, और पहले किये गए सभी परियोजना से भिन्न यह किसी भी विदेशी हस्तक्षेप से दूर रहा है। ट्रेन 18 नाम 16 कोच की इस स्वदेशी ट्रेन को मेरे और ICF टीम से चर्चा के बाद दिया गया है। सामान्य नाम ट्रेन 18 आज नए भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।
जल्द होंगी इस ट्रेन की सेवाएं शुरू :
वंदे भारत एक्सप्रेस को हाल ही में EIG (सरकार के इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर) और रेलवे सुरक्षा आयोग द्वारा अंतिम मंजूरी दी गई थी। दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अगले कुछ दिनों में इसे हरी झंडी दिखाने की उम्मीद है। इंजन रहित वंदे भारत एक्सप्रेस को दिल्ली और वाराणसी के बीच कुल 8 घंटे लगने की उम्मीद है लेकिन रेलवे के ढाँचे में सुधार के साथ इसके और भी कम होने की उम्मीद है।
ट्रैन 18 के बारे में पूरी जानकारी :
आईसीएफ चेन्नई द्वारा 100 करोड़ के बजट पर बनाई गयी इस ट्रेन में, समकालीन यात्री सुविधाएं हैं, जैसे कि ऑन-बोर्ड वाईफाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी, वापस लेने योग्य कोच के साथ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे और शून्य निर्वहन वैक्यूम-आधारित जैव-शौचालय, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और एक जलवायु नियंत्रण प्रणाली।
Need for Speed: Train 18 seen cruising at a sustained 180Km/h, officially becoming the fastest train in India pic.twitter.com/2VNF1U3qrl
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 26, 2018
16 कोच के साथ, इस ट्रेन में उतनी ही यात्रियों को बिठाने की क्षमता है जितनी ‘शताब्दी एक्सप्रेस‘ में है। इसमें वायुगातिकीय तरीके से दोनों तरफ ड्राईवर केबिन बने हैं। इस ट्रेन में एक अग्रिम तरीके के ब्रकिंग सिस्टम भी हैं जो बिजली बचाने के लिए लगाये गए हैं। पूरी ट्रेन वातानुकूलित हैं ताकी यात्री आराम से अपना सफ़र तय कर सकें और साथ ही साथ इस ट्रेन में बाकी ट्रेन के मुकाबले ज्यादा स्पेस भी मौजूद है।