भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत की अगली सरकार के लिए आर्थिक वृद्धि से कई ज्यादा चुनौतियां होंगी। उन्हें नौकरियां उत्पन्न करनी होगी। मंगलवार को स्विटरजरलैंड में आयोजित दावोस सम्मेलन के बाद ब्लूमबर्ग टीवी से कहा कि यह मजबूती से बढ़ रहा है, लेकिन क्या यह पर्याप्त तरीके से बढ़ रहा है? भारतीय राजनेताओं को इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए।
रघुराम राजन नर कहा कि सरकार को बेहतर रोजगार के सृजन करने की जरीरत है और अगली सरकार को इसे अपनी प्राथमिकता बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, भारत मे मार्च के अंत तक विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इस विकास गति को मसबूत माना जाता है। लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि प्रतिवर्ष रोजगार में प्रवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
देश मे नौकरियों की कमी निवेश करने वाले देश के रूप में छवि को खराब कर देती है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए भी यह खतरनाक साबित हो सकती है। नरेंद्र मोदी के लिए रोजगार सृजन एक प्राथमिकता रही है। साल 2014 में उन्होंने प्रतिवर्ष 10 करोड़ नौकरियां सृजित करने का वादा किया था।