देश में 1 जुलाई से सातवां वेतन लागू हो गया है। इससे सबसे ज्यादा फायदा उन सैनिको को होगा, जो जोखिम इलाकों जैसे सियाचिन आदि जगहों पर तैनात हैं। ऐसे सैनिको का जोखिम भत्ता 14000 रूपए से बढाकर 30000 रूपए कर दिया है।
बताया जा रहा है इस वेतन के लागू होने से करीबन 48 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा। इसके साथ इस वेतन से सरकार के कोष को भी काफी आसार पड़ेगा। अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, सातवे वेतन भत्ते के लागू होने से सरकारी कोष को करीबन 30748 .28 करोड़ का भार लगने वाला है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, ‘सभी सम्बंधित मंत्रालयों को यह सलाह दी गयी है कि अपने मंत्रालय से सम्बंधित भत्तों पर अपने आदेश को तत्काल जारी करें, ताकि भत्तों की संशोधित दरों को सरकारी कर्मचारियों के चालू माह के वेतन बिलों में समाहित किया सके।’
इस भत्ते के बाद से सैनिकों को विशेष लाभ मिलने वाला है। जहाँ कठिन परिस्थितियों में तैनात सैनिकों के लिए जोखिम भत्ता 14000 रूपए से बढाकर 30000 रूपए कर दिया है, वहीँ अधिकारीयों के लिए यह 21000 रूपए से बढाकर 42500 रूपए प्रति महीना कर दिया है। इसके अलावा मरीन कमांडो के भत्ते में भी इजाफा कर दिया है। अब मरीन कमांडो को 10500 रूपए से बढ़कर 17300 रूपए हर महीने मिलेंगे।