भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को कॉफी विद करण में जाना बहुत महंगा पड़ा था क्योंकि लोकप्रिय चैट शो में इन दोनो खिलाड़ियो ने महिलाओ के ऊपर कई अभद्र टिप्पणियां की थी। जिसके बाद सोशल मीडिया और हर जगह से इन दोनो खिलाड़ियो को आलोचनाए सुनने को मिली थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने इन दोनो के अभद्र व्यवहार के लिए उनको ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज के बीच में से ही घर वापस बुला लिया था। जिसके बाद यह दोनो खिलाड़ी अभी तक टीम से नही जुड़ पाए है और इन दोनो के मामले में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कोई फैसला नही लिया है।
प्रशासकों की समिति (सीओए) ने न केवल उन दोनों के लिए, बल्कि ए टीमों और अंडर -19 के लिए व्यवहार परामर्श सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन सत्रों का एकमात्र उद्देश्य नवोदित क्रिकेटरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना है। लिंग संवेदनशीलता सत्र भी आयोजित किए जाएंगे जबकि दो खिलाड़ी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकारी अधिकारी की नियुक्ति के लिए प्रतीक्षा करेंगे जो उनके भाग्य का फैसला करेगा।
वरिष्ठो को उनके व्यसत कार्यक्रम के बावजूद कुछ सत्रो में भाग लेने के लिए कहा गया है। जबकि सत्रो को प्रमुख रूप से अंडर-19 पर क्रेंद्रित किया जाएगा।
हार्दिक पांड्या और केएल राहुल विवाद का फैसला जब होगा जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले के लिए लोकपाल नियुक्त किया जाएगा। प्रशासको की समीति (सीओए) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले में फैसला लेने के लिए नया लोकपाल नियुक्त किया जाए।
हार्दिक पांड्या और केएल राहुल तबतक टीम से नही जुड़ सकते जबतक इस मामले में कोई फैसला नही आ जाता। अगर फैसले में उनको सजा सुनाई जाती है तो फिर उन्हे उस सजा का भुगतान करना होगा फिर यह दोनो खिलाड़ी टीम से जुड़ पाएंगे। यह दोनों खिलाड़ी इस वक्त न्यूजीलैंड के मौजूदा दौरे से भी बाहर चल रहे है। हार्दिक पांड्या की जगह न्यूजीलैंड दौरे में विजयशंकर को टीम में जगह दी गई है। जबकि केएल राहुल की जगह युवा खिलाड़ी शुभमन गिल को टीम में रखा गया है।