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    जर्मनी अपने हवाई अड्डे से ईरान को विमानन कंपनी महान एयर के परिचालन पर पाबन्दी लगाने का विचार कर रहा है। ईरान के खिलाफ यूरोपीय संघ की तरफ से अपनाए गए प्रतिबंधों के तहत यह कदम उठाना जाना है। खबर के मुताबिक सीरिया में ईरान के बढ़ती गतिविधियों के कारण अमेरिका ने जर्मनी पर प्रतिबंध लगाया था। आंवरिक ने आएल 2011 में महान एयर एयरलाइन पर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने कहा कि यह विमानन कंपनी ईरानी विद्रोहियों को आर्थिक व अन्य सहायता मुहैया करता है।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जर्मनी को प्रतिबंध करने से संबंधित फैसला जल्द ही करना होगा। हालांकि महान एयरलाइन ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नही की है।

    महान एयर की स्थापना साल 1992 में पहली निजी एयरलाइन के तौर पर हुआ था। इस एयरलाइन की सर्विस के यूरोपीय देशों मसलन फ़्रांस, ग्रीस, स्पेन और इटली में विमान सेवा देती है।

    बर्लिन में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड ग्रंनेल ने इस फैसले का स्वागत किया है क्योंकि वह लंबे अंतराल से महान एयरलाइन के जर्मनी से जुड़ाव का विरोध कर रहे थे। उन्होंने एक बयान में कहा था कि महान एयरलाइन आतंकियों, हथियारों, उपकरणों और ईरान के आतंकी समूहों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि महान एयरलाइन का इस्तेमाल ईरान सीरिया में असद को समर्थन के लिए करता है।

    जर्मनी के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने महान एयरलाइन को प्रतिबंधित करने का निर्णय अमेरिकी दबाव में नही किया है। जर्मनी का निर्णय हमारी सुरक्षा जरुरतों के हिसाब से लिया गया है।

    हाल ही में अमेरिका ने ईरान के साथ हुई बहुपक्षीय संधि को तोड़कर उस पर दोबारा प्रतिबंध थोप दिए थे।  इस परमाणु संधि से डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को बाहर निकाल लिया था। इस समझौते पर ईरान के अलावा जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन ने भी दस्तखत किए थे , यह सभी देश अभी इस संधि में बने हुए हैं। यूरोपीय देशों ने ईरान के साथ आर्थिक समझौतों को बरकरार रखा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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