भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्चायोग को सामान भेजा है और पाकिस्तानी शीर्ष अदालत के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान को भारत का आंतरिक मसला करार दिया है। गिलगिट-बाल्टिस्तान पर भारत सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर पर सिर्फ भारत का आधिपत्य है और गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का अंदरूनी हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
बयान में कहा गया कि पाकिस्तान की सरकार और न्यायलय को गैरकानूनी तरीके से हथियाये क्षेत्रों पर अपना निर्णय आने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कब्ज़ा किये गए इलाकों पर पाकिस्तान को कानूनी दर्जा देने का सरकार को कोई अधिकार नहीं है।
कब्ज़ा किये गए इन इलाकों में पाकिस्तान द्वारा किसी बदलाव के प्रयासों को भारत सिरे से खारिज करता है और यहाँ के निवासी लोगों पर अत्याचार, उत्पीड़न और मानवधिकार उल्लंघन की आलोचना करता है। भारत ने पाकिस्तान को तत्काल अवैध तरीके से कब्जाये इलाकों को खाली करने का आदेश दिया था।
पाकिस्तान के शीर्ष न्यायलय ने गुरूवार को लिखित में गिलगिट-बाल्टिस्तान को संवैधानिक दर्जा देने का आदेश दिया था और साथ ही वहां के नागरिकों को मौलिक अधिकार देने का फरमान सुनाया था। शीर्ष अदालत ने इन इलाकों में अदालतों की स्थापना का जिक्र भी किया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरूवार को कहा कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत की कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान अपनी बात पर हमेशा कायम रहा है कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया ‘अफगान नीत, अफगान स्वामित्व वाली व अफगान नियंत्रित’ होना चाहिए।
पाकिस्तान के, अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका नही होने के बयान पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि अफगानिस्तान एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है और कोई अन्य देश उसकी तरफ से कोई आदेश नही दे सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को यह तय करने का कोई हक़ नहीं है कि क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों में अन्य देशों की क्या भूमिका है।