ई-कॉमर्स के लिए सरकार द्वारा बनाये गए नए नियम अगले महीने से लागू होने वाले हैं लेकिन अमेज़न इससे अनभिज्ञ लग रहा है क्योंकि हाल ही में इसके जॉब लिस्टिंग के विश्लेषण से पता चला है की ई-कॉमर्स दिग्गज की भारत में 1,400 से अधिक पद खाली हैं। बैंगलोर और हैदराबाद में 1,000 से अधिक स्थान रिक्त हैं जहाँ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सबसे अधिक मांग में हैं।
विभिन्न शहरों में कितनी है नौकरियां:
अमेज़ॅन की कैरियर साइट पर एक शहर के अनुसार लिस्टिंग से पता चलता है कि 661 रिक्तियों के साथ बैंगलोर में कंपनी की दूसरी सबसे बड़ी रिक्तियां हैं। अमेज़न कंपनी की सबसे ज़्यादा रिक्तियां सीएटल में हैं जहां अमेज़न में करीब 9000 पद खाली हैं।
बंगलौर के बाद, हैदराबाद में 460 नौकरियों के खुलने के अवसर पर हैदराबाद में रिक्त पदों की दूसरी संख्या है। चेन्नई, मुंबई और गुड़गांव भी अमेज़न की नज़र में हैं।। श्रेणी की बात करें तो, खुदरा बिक्री, बाज़ार और विज्ञापन व्यवसायों में सबसे बड़ी संख्या में अमेज़न वेब सेवाएँ हैं।
हाल ही मिएँ यह खबरें आ रही थी की नियमों के लागू होने के बाद नौकरियों की संख्या बहुत कम हो सकती है एवं इन कंपनियों की आय 2022 तक 46 अरब तक गिर सकती है। लेकिन जैसा विश्लेषण से पता चला है नौकरियों पर कोई ख़ास असर नहीं देखा गया है।
नए नियमों के बारे में जानकारी :
नए नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा स्थानीय व्यापारियों एवं अपने स्वामित्व वाली कंपनियों के उत्पाद बिना किसी पक्षपात के बेचे जायेंगे। नए नियम छोटे व्यापारियों और उन किसानों के लाभ के लिए है जो डरते हैं कि अमेरिकी कंपनियां भारत के खुदरा बाजार में प्रवेश द्वार बना रही हैं और भारतीय खुदरा बिक्री पर हावी होने वाली छोटी दुकानों को निचोड़ सकती हैं।
यह नियम इसलिए बनाए गए क्योंकि सरकार के पास लगातार शिकायतें आ रही थी की इन ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से छोटे खुदरा विक्रेताओं की बिक्री में बहुत कमी आ गयी है क्योंकि ये कंपनियां उत्पादों को भारी डिस्काउंट पर बेच रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा ग्राहक वहीँ से उत्पाद खरीद रहे हैं।
अमेज़न, फ्लिप्कार्ट ने तिथि को आगे बढाने का किया आग्रह :
सरकार के इन नियमों के बदले जाने पर खबर आई थी की अमेज़न एवं फ्लिप्कार्ट मिलकर इनका विरोध करेंगे। लेकिन अब हाल ही में खबर मिली है की फ्लिप्कार्ट ने सरकार से 6 महीनों का अतिरिक्त समय माँगा है। फ्लिप्कार्ट के हिसाब से यह उसकी नियमों के हिसाब से नयी योजना बनाने का उचित समय होगा।