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    पतंग हादसा

    एक और जहां गुलाबी नगर में लोगों ने धूम धाम से पतंगों का त्योंहार मनाया वहीं उसी शहर में 300 से अधिक लोग पतंग  उड़ाते समय मांझों के दुर्घटना का शिकार हो गए। इसके साथ साथ कुछ लोग पतंगबाजी के दौरान छत से भी गिर गए। इससे जयपुर के अस्पतालों में दुर्घटनाग्रसितों एवं मरीजों की भीड़ लगी रही।

    टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार केवल सवाई मान सिंह में ही लगभग 230 मरीज पतंग दुर्घटना से सम्बंधित थे जिनमें से 45 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के कारण उन्हें एडमिट कर लिया गया वहीं बाकी बचे मरीजों में से 41 लोगों को मांझे की वजह से चोटें आयी थी।

    पतंगबाजी के दौरान घायल हुए मरीजों में चार लक्ष्य भी था जोकि पतंग का पीछा करते हुए एक छत से नीचे गिर गया। इससे उसके सर में गंभीर चोटें आयी हैं। इसके अलावा 12 साल की उम्र का एक अन्य बच्चा सड़क पर पतंगों का पीछा करते हुए एक वाहन से टकराकर चोटिल हो गया एवं उसका पैर टूट गया। मकर संक्रांति के दिन डॉक्टरों को ऐसी ही कई घटनाएं देखने को मिली एवं उनका पूरा दिन मांझे से हुए घावों को सीने में निकला।

    इस बीच, गुजरात में, उत्तरायण उत्सव के दौरान पतंगों से गला काटने से एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गयी।  पतंग उड़ाते समय छतों से गिरने के कारण राज्य भर में अलग-अलग घटनाओं में कई अन्य घायल हो गए। खबरों के मुताबिक, रविवार शाम तक इन चार जिलों में पतंग उड़ाते समय छतों से गिरने से 117 लोग घायल हो गए थे। पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्ट्रिंग के कारण पक्षियों को भी नुकसान होता है। जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी विनय शाह के अनुसार, ट्रस्ट द्वारा लगभग 702 पक्षियों को बचाया गया था

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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