कुछ समय में पेश होने वाला अंतरिम बजट मध्य वर्ग के लोगों के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है। हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार मध्य वर्ग को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर सकते हैं, जो वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 5 लाख रुपए हो सकता है।
मेडिकल एवं ट्रांसपोर्टेशन के खर्च भी होंगे कर रहित :
आयकर छूट की राशि बढाने के साथ साथ यह भी संभावना है की मेडिकल एवं ट्रांसपोर्टेशन खर्चों को कर-रहित अवस्था में वापस लाया जाएगा। इससे नोत्बंदी से बुरी तरह प्रभावित हुए सेक्टरों को कुछ राहत मिलेगी। यह बजट संभवत 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।
इसके अंतर्गत 15,000 रुपये तक के कर मुक्त चिकित्सा व्यय और 19,200 रुपये प्रति वर्ष तक के परिवहन भत्ते को पिछले साल 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए 20,000 रुपये की कटौती से बदल दिया गया है। इससे कर दाताओं को सालाना 12,500 रुपये का लाभ होगा जो कि बहुत अधिक नहीं है, लेकिन यह स्थिति लोगों के लिए लाभप्रद जरूर है।
वर्तमान आयकर छुट के बारे में जानकारी :
वर्तमान में, 2.5 लाख रुपए की आय को निजी आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपए के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपए की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपए से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है। जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपए सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है।
बीजेपी को चाहिए माध्यम वर्ग का साथ :
विशेषज्ञों का मानना है की बीजेपी नयी एवं अच्छी योजनाएं इसलिए ला रही है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव पास हैं एवं इसमें यदि बीजेपी को जीतना है तो माध्यम वर्ग के लोगों का इसे साथ चाहिए होगा। पहले देखा जा चुका है की कैसे बीजेपी किसानों का समर्थन खो चुकी है एवं हाल ही में हुए 5 राज्यों में चुनाव हर गयी थी। अतः इस नुक्सान की क्षतिपूर्ति करने के लिए ये योजनाएं लायी जा रही हैं।
हाल ही में पेश किया गया उच्च जातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा भी इसी योजना का हिस्सा था। \
केंद्रीय बजट बन सकता है समस्या :
बीजेपी के इस कर सुव्यवस्थिकरण के सामने जो समस्या खड़ी हो सकती है वह केंद्रीय बजट है क्योंकि यह बजट 28 फरवरी को पेश होगा जोकि प्रत्यक्ष कर संहिता रिपोर्ट के अनावरण से पहले होगा। रिपोर्ट जारी होने से पहले कर दरों के साथ छेड़छाड़ इसे विवादास्पद बना देगा।