Sat. Nov 23rd, 2024
    केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

    केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को भाजपा को सबरीमाला मुद्दे के मद्देनजर हिंसा के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी देने के खिलाफ भाजपा को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को धमकियों से नहीं रोका जा सकता।

    भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पहले लोकसभा में केरल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, जहां हाल ही में सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद हिंसा की घटनाएं हुईं।

    दुबे ने केरल में हिंसा का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि भारत की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (एम) “हत्या की राजनीति” कर रही है और कई भाजपा कार्यकर्ता इसके शिकार हुए हैं।

    आरोप का जवाब देते हुए, केरल के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल 91.71% लोग संघ परिवार से जुड़े संगठनों से हैं।

    विजयन ने कहा कि केरल सरकार भी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के मामलों में निजी संपत्ति की रक्षा के लिए अध्यादेश लाएगी। एक बार अध्यादेश आने के बाद, हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर उन लोगों को मुआवजा दिया जाएगा जिन्हें हमले के दौरान नुकसान हुआ था।

    इससे पहले दिन में, भाजपा सांसदों ने संसद में शून्यकाल के दौरान हंगामा किया और राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाया। दुबे ने न्यायिक जांच की मांग की क्योंकि भाजपा के राज्यसभा सांसद वी मुरलीधरन के घर पर एक देशी बम फेंका गया था।

    पिनारयी विजयन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “आरएसएस और भाजपा केरल में कानून और व्यवस्था की स्थिति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सबने देखा है कि किस तरह वो जगह जगह उपद्रव मचा रहे है।”

    विजयन ने कहा, “सबरीमाला में श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं, जिससे पता चलता है कि कानून व्यवस्था का कोई मुद्दा नहीं है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *