8 जनवरी को समाप्त होने वाले राज्यसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि 1 दिन के लिए बढ़ा दी गई है और अब राज्यसभा का शीतकालीन सत्र 9 जनवरी को समाप्त होगा। इस एक दिन में सरकार को दो महत्वपूर्ण बिल पास कराने है – तीन तलाक बिल और नागरिकता संशोधन बिल।
सत्र को एक दिन के लिए बढाने के बाद भाजपा पदाधिकारियों ने दावा किया है कि इस बढे हुए एक दिन का उपयोग सरकार तीन तलाक बिल और नागरिकता संशोधन बिल को पास कराने के लिए करेगी।
एक वरिष्ठ मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि लोकसभा में भी, सरकार एक या दो दिन के विस्तार के लिए आशान्वित है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने किसी भी विस्तार का विरोध किया है क्योंकि वे नए बिलों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को कोई रास्ता नहीं देना चाहते हैं।
सरकार लोकसभा में गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए संविधान संशोधन बिल लाना चाहेगी लेकिन विपक्ष सरकार को कोई मौका देने के मूड में नहीं है। दूसरी तरफ सरकार किसी भी हालत में इसे पास कराना चाहती है क्योंकि चुनाव से पहले अपने रूठे वोट बैंक को मनाने का ये सरकार के पास आखिरी मौका है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के करीबी अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ मंत्रियों ने आवश्यक बिलों को पास करने के लिए सत्र को एक और दिन बढ़ाने की अपील की। नायडू ने दूसरों से सलाह लेने के बाद सत्र को एक दिन और बढाने का फैसला किया।
सरकार ने सोमवार दोपहर को लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस तरह का प्रस्ताव रखा। संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एक या दो दिन का विस्तार दिया जा सकता है क्योंकि एनडीए सरकार कुछ लंबित बिलो को पास करना चाहती है। कांग्रेस, अन्य विपक्षी दलों जैसे तृणमूल और वाम दलों ने प्रस्ताव को तुरंत अस्वीकार कर दिया।