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    Amit-shah

    भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का बयान जिसमे उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना से गठबंधन नहीं हुआ तो उसे चुनाव में पटक देंगे, पर शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

    शिवसेना ने कहा है कि भाजपा उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती जो हिंदुत्व में विश्वास करते हैं। भाजपा सहयोगी राजनितिक दलों के बजाये इवीएम के साथ गठबंधन करने वाली है। शिवसेना ने ये भी कहा है कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा और राम मंदिर के लिए उनके प्रयासों से भाजपा घबरा गई है।

    शिवसेना प्रवक्ता ने कहा “अमित शाह के भड़काऊ बयान ने उन्हें और उनकी पार्टी की मानसिकता को उजागर किया है। शिवसेना प्रमुख (उद्धव ठाकरे) ने ‘पेहले मंदिर फ़िर सरकार’ कहकर लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया था … लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी हिंदुत्व में विश्वास रखने वाले लोगों को नहीं चाहती है।”

    रविवार को, शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गठबंधन के बारे में चिंता न करें और इसके बजाय विपक्ष को जड़ से उखाड़ने की तैयारी करें। उन्होंने कहा “कोई भी भाजपा को नहीं हरा सकता है, जिसमें 11 करोड़ कार्यकर्ता हैं। हम महाराष्ट्र की सभी सीटों पर लड़ेंगे और जीतेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों में अपनी पूरी ताकत के साथ उम्मीदवारों के लिए काम करना चाहिए।”

    भाजपा अध्यक्ष ने पिछले गुरुवार को राज्य के पार्टी सांसदों से कहा था कि वे गठबंधन के बिना आने वाले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें।

    शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लातूर शहर के लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और हिंगोली के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित किया, जिसमें फड़नवीस ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राज्य की 48 लोकसभा में से 40 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया।

    उन्होंने कहा “अगर गठबंधन नहीं होता है तो सहयोगी दलों द्वारा लड़ी गई सीटों पर भी भाजपा उम्मीदवारों को उतारेगी। इसलिए, मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे मैदान पर उतरें और तैयारी शुरू करें। गठबंधनों की चिंता करना पार्टी कार्यकर्ता का काम नहीं है। ये शीर्ष नेतृत्व की चिंता है।” फडणवीस ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि 48 सीटों में से कम से कम 40 सीटों पर पार्टी विजयी हो, हमारी तैयारी होनी चाहिए।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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