अब से यात्रियों को रेलवे स्टेशन 20 मिनट पहले पहुंचना होगा क्योंकि अब वहां भी एयर पोर्ट की तरह यात्रियों की सुरक्षा कारणों की वजह से जाँच होगी। इस मामले से संबधित दो वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की सूचना दी।
रेलवे सुरक्षा बल(RPF) के डीजीपी अरुण कुमार ने कहा कि देश भर के बड़े और कुछ संवेदनशील इलाकों के रेलवे स्टेशन में प्रवेश नियंत्रण प्रणाली रखी जाएगी।
उनके मुताबिक, “यात्रियों को जल्दी आने का सुझाव दिया जाएगा क्योंकि हम लोग थोड़ी बहुत तलाशी करेंगे जिसके कारण लम्बी लम्बी कतारे बन जाएंगी। केवल वास्तविक यात्रियों को स्टेशन में आने की अनुमति होगी और इसके लिए कुछ नामित फाटक भी बनाये जाएँगे। हालांकि इसमें एयर पोर्ट की तरह आने का कोई फिक्स टाइमिंग नहीं है।”
उन्होंने प्रयागराज के रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा योजना का पूर्व परीक्षण शुरू भी कर दिया है। वहाँ 15 जनवरी से शुरू होने वाले कुम्भ मेले के कारण भारी भीड़ देखी जा सकती है।
कुमार ने आगे बताया-“रेलवे ने एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के लिए 202 संवेदनशील स्टेशन की पहचान की है और तकरीबन 983 स्टेशन पर ‘निर्भया फण्ड’ द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएँगे।”
इस काम के लिए, रेलवे ने 12 लाख कैमरों को 3,000 रूपये की निवेश योजना के तहत लाने की योजना बनाई है। इनमे से कुछ कैमरा ट्रेन के कोचों में भी लगाये जाएँगे।
दुसरे RPF के अधिकारी ने बताया-“एक स्वचालित वाहन स्कैनर भी दरवाजों पर लगाये जा सकते हैं जिसके द्वारा वाहन स्टेशन परिसर में प्रवेश कर सकें। विस्फोट का पता लगाने के लिए, कुत्ते और वेपर डिटेक्टर को लगाने की भी सिफारिश की गयी है।”
रेलवे मंत्रालय ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श से 2009 में एक कमिटी का गठन किया था जिसके तहत रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक सुरक्षा योजना बनाने के लिए कदम उठाये जा सकें।