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    मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य के सचिवालय में वन्दे मातरम गाने पर 180 डिग्री का मोड़ लेते लिया। अपने एक दिन पहले के ही फैसले से पलटते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अब वन्दे मातरम गाजे बाजे और पुलिस परेड के साथ गाया जाएगा।

    उन्होंने कहा “हर महीने के पहले कामकाजी दिन को सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड के साथ देशभक्ति गानों की धुन पर शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करते हुए आयेंगे। भवन पहुँचने पर राष्ट्र गान और वन्दे मातरम गाया जाएगा।”

    नयी सरकार आने के बाद जनवरी के पहले कामकाजी तारीख को सचिवालय में वन्दे मातरम नहीं गाया गया था जिसपर मामले ने राजनितिक रूप ले लिया। उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन्दे मातरम गाने पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी। भाजपा ने मामले को लपकते हुए कमलनाथ को घेर लिया जिससे राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई।

    पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर के कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने चुनौदी दी कि रोक के बावजूद वो 7 जनवरी को अपने सभी सिधायकों के साथ सचिवालय में वन्दे मातरम गायेंगे।

    मामले को हाथ से निकलता देख कमलनाथ ने अगले ही दिन घोषणा कर दिया कि अब बैंड और पुलिस परेड के साथ वन्दे मातरम गाया जाएगा।

    कमलनाथ के यू टर्न के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आखिरकार जन दवाब में मुख्यमंत्री को अपना फैसला बदलना पड़ा। साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर भी हमला बोला।

    शिवराज सिंह के सत्ता सँभालने के बाद पिछले 13 सालों से हर महीने के पहले कामकाजी दिन सचिवालय में वन्दे मातरम गाया जाता था लेकिन इस बार कांग्रेस के नेतृत्व में नयी सरकार आने के बाद 1 जनवरी 2019 को को परम्परा टूट गई, जब सचिवालय में वन्दे मातरम नहीं गाया गया। उसके बाद से ही भाजपा लगातार कांग्रेस की नयी सरकार पर हमलावर थी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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