पक्सितन ने मंगलवार को भारतीय उच्चयोग के कार्यवाहक उपउच्चायुक्त को समन जारी किया है और नियंत्रण रेखा यानी लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर भारतीय सैनिकों द्वारा सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसमे एक महिला की मौत हो गयी थी।
सार्क और दक्षिण एशिया के डायरेक्टर जनरल और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारतीय राजनयिक को समन भेजा है, जिसमे नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों द्वारा अकारण सीजफायर उल्लंघन की निंदा की गयी है। यह समन 31 दिसम्बर को जारी गया है।
नियंत्रण रेखा से सटे शाहकोट इलाके में फायरिंग के दौरान एक महिला की मौत हो गयी थी, जिनकी पहचान आसिया बीबी के नाम से हुई है और साथ ही सात अन्य लोग जख्मी हुए हैं। प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सैनिक “निरंतर सीमा से सटे अधिक जनसंख्या वाले इलाकों पर नागरिकों को अपना निशाना बनाते हैं।”
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने आरोप लगाया कि साल 2018 में नियंत्रण रेखा और कार्यकारी सीमा से 2350 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। इसमें 36 नागरिकों की मृत्यु हुई है और 142 लोग जख्मी हुए हैं। बयान में कहा गया कि भारतीय सैनिकों का आम नागरिकों को निशाना बनाना अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार, मानवीय कानून और मानव गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सीजफायर का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और यह रणनीतिक आंकड़ों को ख़राब कर सकती है।
मोहम्मद फैसन ने भारतीय सैनिकों से साल 2003 में हुए सीजफायर समझौते का सम्मान करें, इसे और अन्य सीजफायर उल्लंघन वारदातों की जांच करें, भारतीय सैनिकों को सीजफायर समझौते का सम्मान करने को कहें और नियंत्रण रेखा व कार्यकारी सीमा पर शांति कायम रखे।
उन्होंने कहा कि भारत को यूएन मिलिट्री आब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया एंड पाकिस्तान को तैनात करने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि वह यूएन सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव के तहत अपनी भूमिका अदा कर सके।