पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें किसानों की परेशानियों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और तीन राज्यों में हार के बाद उन्हें किसानों के लिए राहत की व्यवस्था करनी चाहिए।
देवेगौडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कर्नाटक में किसानों को दिए गए राहत का मजाक उड़ाने के लिए तीखा हमला किया। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कर्नाटक सरकार ने 44,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ़ी की घोषणा की लेकिन उससे कुछ ख़ास किसानों को ही फायदा पहुंचा और जरूरतमंद किसानों को कोई फायदा नहीं पहुंचा।
देवेगौडा ने कहा “अगर मोदी को पिछले साल महाराष्ट्र में किसानों के प्रदर्शन को देख कर भी कुछ महसूस नहीं हुआ तो लोग उन्हें अगले चुनाव में इसका अहसास करा देंगे।”
उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को गंभीरता से 2019 के चुनावों के मद्देनज़र किसानों के बारे में सोचना चाहिए।”
देवेगौडा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “हो सकता है मोदी बजट में किसानों के लिए किसी राहत की घोषणा करें। अगर वो ऐसा करते हैं तो वो स्वागत योग्य कदम होगा।”
हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को गंवाने के बाद भाजपा नीत राजग सरकार फसल ऋण माफ़ी के अलावा डायरेक्ट ट्रांसफर स्कीम और फसल बीमा योजना जैसे विकल्पों पर विचार कर रही है।
देवेगौडा ने कहा कि जो भी रानीतिक पार्टी किसानों को अनदेखा करेगा उसे कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि “किसानों की अनदेखी करने के कारण ही वाजपेयी सरकार को जाना पड़ा था। उन्होंने कहा, “वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान, मैं कर्नाटक से 2,500 किसानों को दिल्ली लाया था। उस समय स्थिति और खराब थी क्योंकि 1,000 किसानों ने आत्महत्या की थी। राष्ट्रीय स्तर पर, 10,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों के लिए कुछ करने का वादा किया था, लेकिन उनकी पार्टी ‘इंडिया शाइनिंग’ के नारे में उलझ गई और चुनाव हार गई।