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    तालिबान के चरमपंथी

    तालिबान ने ईरान के साथ हालिया बैठक अफगानिस्तान के हालात के बारे में विस्तार से चर्चा की थी। चरमपंथी समूह तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका की संभावित वापसी से पूर्व ईरान अधिक सम्मिलित होगा और शांति वार्ता के लिए दबाव बनाएगा।

    तालिबान का ईरानी दौरा

    ईरान ने सोमवार को पुष्टि की कि तालिबान ने शांति वार्ता के लिए दौरा किया था। बीते कुछ दिनों में यह दूसरी बार वार्ता का दौर था। इस शांति वार्ता का मकसद 17 वर्ष पूर्व संघर्ष का अंत है। चरमपंथियों ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर बताया कि तालिबान के समूह ने ईरान के साथ आधिपत्य के बाद के हालातों के बाबत चर्चा की और अफगानिस्तान व क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को लेकर बातचीत की थी।

    अफ्गंसितन से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर यह एक प्रबल संकेत दे रहा है। हाल की ख़बरों के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी का लिया था। कई समय से तालिबान और इरान के मध्य बातचीत की शुरुआत की खाब्द्रे उड़ रही थी लेकिन ईरानी सरकार ने इन ख़बरों को नाकारा था।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया और अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का निर्णय लिया है, जो क्षेत्रीय इलाकों में ईरान के प्रभुत्व में वृद्धि करेगा।

    ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराघ्ची आगामी हफ़्तों में ईरान की यात्रा कर सकते हैं, हालांकि इसके बारे में अधिक जानकारी मुहैया नहीं की गयी है। ईरान और अफगानिस्तान 960 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं और बीते कुछ सालों से उनके रिश्ते तल्ख्पूर्ण रहे हैं।

    अमेरि, सऊदी और यूएई के प्रतिनिधियों से मुलाकात

    चरमपंथियों ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि उन्होंने सोमवार को अमेरिकी विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद से मुलाकात की थी। मंगलवार को इस चर्चा को जारी रखते हुए पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों के साथ भी शांति वार्ता के लिए मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान तालिबान अफगानिस्तान की सरजमीं से विदेशी बलों को बाहर निकालने की मांग रखी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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