Wed. Nov 6th, 2024
    कांग्रेस

    पंजाब में हुए पंचायत चुनावो में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है। यहाँ तक कि बादल परिवार के गाँव बादल में भी कांग्रेस उम्मीदवार ने ईट दर्ज की है। चुनाव में करीब 80 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। भटिंडा और फज़िल्ल्का में 86 फीसदी, मोहाली में 84 फीसदी, पठानकोट में 82 फीसदी, पटियाला और संगरूर में 81 फीसदी, मोगा में 78 फीसदी और मुक्तसर में करीब 77.92 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।

    बादल गाँव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के रिश्रेदार उदयवीर ढिल्लों को कांग्रेस के प्रत्याशी के हाथों हार झेलनी पड़ी। बादल परिवार के लिए ये चुनाव साख का सवाल था। सारा परिवार मतदान में हिस्सा लेने के लिए गाँव में जुटा था।

    पंजाबी गायिका सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर को मनसा के मोसा गांव में सरपंच चुना गया। आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखपाल खैरा की भाभी किरणबीर कौर सरपंच के लिए चुनाव हार गईं। जबकि फतेहगढ़ साहिब के संजौली से एसजीपीसी सदस्य करनैल सिंह पंजौली को चुना गया।

    चुनाव के दौरान छिटपुट हिंसा की भी शिकायतें मिली थी। मोगा, पटियाला, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, गुरदासपुर, तरनतारन और अमृतसर से कथित बूथ-कैप्चरिंग की रिपोर्टें प्राप्त हुईं। पटियाला जिले के झुगियान, रायपुर मंडलान, थरही जट्टान और मरदा हेहरी गांवों से कम से कम 12 झड़पें हुईं। दो एफआईआर दर्ज की गईं। राजपुरा के निकट फतेहपुर गढ़ी गाँव में एक मतदान केंद्र के अंदर बाहरी लोगों के कथित रूप से घुसने के बाद, ग्रामीणों ने मतदान अधिकारियों के वाहनों के साथ बर्बरता की। पटियाला के हीरा गढ़ गांव में तीन लोग घायल हो गए।

    अकालियों ने पुलिस द्वारा निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए पटियाला-राजपुरा राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इसके अलावा, सांचौर उप-मंडल के गांव बोसगढ़ कलां में मतदाताओं को डराने के लिए हवा में गोलियां चलाई गईं। लुधियाना में मुल्लानपुर डाकघर में भी बूथ-कैप्चरिंग की कई घटनाएं हुईं। अकाली नेता सुच्चा सिंह लंगाह ने डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र के शकरी गांव में हंगामा किया। जालंधर में शिअद-कांग्रेस की झड़प में सुल्तानपुर लोधी के भरौना गांव में तनाव था। पिस्तौल लेकर जा रहे तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *