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    कुछ समय से आ रही व्यापारियों की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के नियमों में बदलाव किये हैं जिससे की छोटे व्यापारियों को हानि ना हो।

    नियम बदलने की क्या है वजह :

    इन नियमों को बदलने की मुख्या वजह लम्बे समय से आ रही छोटे खुदरा व्यापारियों की शिकायतें थी। उनकी लगातार शिकायतें आ रही थी की ई-कॉमर्स कंपनियां अपने एफिलिएटस के ज़रिये इन्वेंट्री पर अपने नियंत्रण का उपयोग कर रही हैं। इसके साथ ही वे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां एक्सक्लूसिव सेल लगाकर एवं उत्पादों की कीमतें बहुत कम करके बेचने वाला एक अनुचित बाज़ार बना रही हैं।

    जानिये क्या क्या बदलेगा :

    नियमों में इस संशोधन होने के बाद कई चीज़ें बदलेंगी। आइये जानते हैं ये क्या क्या हैं :

    नहीं मिलेंगे भारी डिस्काउंट:

    एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायत आ रही थी की ये बड़े डिस्काउंट देकर ज्यादा ग्राहकं को आकर्षित कर लेती हैं जिससे छोटे व्यापारियों का काम बंद होने की कगार पर है। इसको देखते हुए सरकार ने नियम बनाया है की ये कंपनिया अब से उत्पादों पर भारी डिस्काउंट नहीं दे पाएगी।

    ख़त्म होंगी एक्सक्लूसिव डील्स:

    आज कल कई कंपनियां अपने उत्पाद केवल ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ही लांच करती हैं। इससे वे उत्पाद और कहीं नहीं मिल पाते हैं। नियमों में संशोधन होने के बाद ऐसा नहीं हो पायेगा। नए नियम के अनुसार अपने केवल 25 प्रतिशत उत्पाद ही ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेच पायेंगे।

    न्यू इयर, दिवाली सेल आदि की संख्या होगी कम :

    नए नियम लागू होने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारी डिस्काउंट देना मुश्किल हो जाएगा। ऐसा होने पर वे हर मोके पर सेल नहीं लगा पायेंगे। उन्हें नए नियमों का पालन सख्ती से करना होगा।

    प्राइम उपभोक्ता होंगे प्रभावित :

    अभी तक अमेज़न जैसी कंपनिया अपने प्राइम प्लान को चुनने वाले ग्राहकों को तेज़ डिलीवरी देती थी। लेकिन नए नियम कानून के अनुसार उसे भेदभाव माना जा रहा है। इससे संभावना है की प्राइम प्लान सब्सक्राइब करने वाले सदस्य भी प्रभावित हो सकते हैं।

    नहीं होगी फ्री डिलीवरी

    अभी तक अमेज़न एवं फ्लिप्कार्ट जैसी कंपनियां ग्राहकों को फ्री

    डिलीवरी उपलब्ध करा रही थी। इससे ज्यादा लोग ये सर्विस चुन रहे थे लेकिन अबसे ऐसा नहीं हो पायेगा। अबसे ग्राहकों को डिलीवरी फ्री नहीं बल्कि शुल्क देने पर मिलेगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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