इमरान खान ने भारत पर अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाला बयान दिया था, जिसके बाद भारत के राजनेता पाकिस्तानी पीएम की आलोचनायें कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता राम माधव ने इस बयान को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान को आड़े हाथों लिया है। भाजपा के नेता ने कहा कि “जब पाकिस्तान और इमरान खान अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी के व्यवहार की बात करते हैं, तो ऐसे लगता है कि जैसे राक्षस वेदों के उपदेश दे रहा है।”
राम माधव ने कहा कि पक्सितन में आज़ादी के बाद 9-10 प्रतिशत हिन्दू जनसंख्या थी, लेकिन आज 0.5 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा भारत में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या को देखिये, देश में उनकी जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है।
इमरान खान ने कहा था कि हम मोदी सरकार को अल्पसंख्यको के साथ बराबरी का सुलूक करना सिखायेंगे, क्योंकि भारत के नागरिक कह रहे हैं कि उनके यहाँ अल्पसंख्यकों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है।
पाकिस्तान के रचियता मोहम्मद अली जिन्ना की जन्म वर्षगांठ के दौरान इमरान खान ने कहा कि जिन्ना ने पाकिस्तान को एक लोकतान्त्रिक, सच्चा और दयालु राष्ट्र बनाया था। उन्होंने कहा कि नया पाकिस्तान कायदे आजम का पाकिस्तान है और हम अल्पसंख्यकों के साथ नागरिकों की तरह व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे, न कि जैसे भारत में हो रहा है।
इमरान खान के बयान पर अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक किसी मुस्लिम को ही राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में दलित समुदाय के भी कई प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद पर नियुक्त हुए हैं। उन्होंने कहा “खान साहब यही वक्त है जब आप भारत से समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यकों के अधिकार के बाबत सीख सकते हैं।”
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इमरान खान की आलोचना करते हुए कहा कि वह कांग्रेस को यक़ीनन बहुत कुछ सीखा सकते हैं, आखिकार पार्टी उन्हें राष्ट्रीय राजदूत समझती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान “आतंकिस्तान” हैं, उसने आतंकी ओसामा बिन लादेन को पनाह दी, उसे हमें कुछ सिखाने की जरुरत नहीं है।