कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। हालाँकि इस बार उन्होंने राफेल या किसानों के मुद्दों को लेकर हमला नहीं बोला बल्कि मेघालय के खदान में फंसे मजदूरों की मदद के लिए प्रधानमंत्री पर हमला बोला है।
मेघालय के जयंतिया हिल्स में कोयला खदान में 15 मजदूर 2 हफ़्तों से फंसे हुए हैं। राहुल गाँधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर हमला बोला साथ ही साथ मजदूरों को बचाने की अपील भी की।
राहुल गाँधी ने ट्वीट कर कहा “15 मजदूर पिछले पिछले 2 हफ्तों से बाढ़ की वजह से कोयले की खदान में फंस गए हैं। जिस वक्त पीएम मोदी बोगीबील पुल का उद्घाटन करके कैमरों को पोज दे रहे थे, तब उनकी सरकार ने बचाव कार्य के लिए ज्यादा प्रेशर वाले पंप का इंतजाम करने से इनकार कर दिया था। प्रधानमंत्री कृपया मजदूरों को बचा लीजिए।
15 miners have been struggling for air in a flooded coal mine for two weeks.
Meanwhile, PM struts about on Bogibeel Bridge posing for cameras.
His government refuses to organise high pressure pumps for the rescue.
PM please save the miners. https://t.co/STZS62vTp4
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2018
राहुल के अलावा उनकी पार्टी कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “13 दिन से अधिक समय से 15 मजदूर खदान में फंसे हुए हैं। खदान में भरा पानी काफी धीरे धीरे निकल रहा है। पानी निकालने का काम तत्काल तेज किया जाना चाहिए। एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार की ओर से देर से प्रतिक्रिया की गई।”
More than 13 days on, as 15 miners are stuck at the difficult terrain in Jaintia Hills, Meghalaya.
Water extraction should be swiftly expedited. Every minute is crucial.
Belated response by Modi Govt notwithstanding, I join the nation in praying for their well-being & safety.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 26, 2018
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को मेघालय के जन्तिया हिल्स में एक कोयला खदान में करीब 15 मजदूर फंस गए तह। एनडीआरएफ की तरफ से कहा गया कि इस तरफ के हालात से निपटने के लिए उनके पास पर्याप्त उपकरण नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनडीआरएफ ने पानी को बाहर निकालने के लिए ज्यादा प्रेशर वाले पंप की मांग करते हुए 8 दिन पहले एक आवेदन दिया लेकिन वह अबतक स्वीकार नहीं की गई है।