भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को 17 राज्यों में 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रभारी नियुक्त किए।
गुजरात के पूर्व मंत्री गोवर्धन जादाफिया को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। लोकसभा की 80 सीटों वाला उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए 2019 में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 80 में से 71 सीटें जीती थी।
जदाफिया ने केशुभाई पटेल के साथ अपनी पार्टी शुरू करने के लिए 2013 के गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा छोड़ दी थी। वह कुछ साल पहले पार्टी में वापस लौटे। वापस लौटने के बाद ज़ादफिया पार्टी के लिए पाटीदारों के वोट जुटाने में अहम् भूमिका निभाई थी। पिछले गुरात विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जीएसटी के तहत नई कर व्यवस्था की व्याख्या करने के लिए गुजरात में जमीनी स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन किया था।
उनकी सहायता के लिए, शाह ने दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा को नियुक्त किया है। दुष्यंत गौतम दलित है और पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं।
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के संभावित गठबंधन को देखते हुए पार्टी वहां कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। सपा और बसपा के गठंधन का असर वो गोरखपुर, फूलपुर और कैराना उपचुनाव में देख चुकी है।
ओम माथुर, जिन्होंने 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी को अहम् सफलता दिलाई थी, उन्हें गुजरात का प्रभारी नियुक्त किया गया है। माथुर, नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में काम कर चुके हैं।
अमित शाह ने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर को राजस्थान और एक अन्य मंत्री थावरचंद गहलोत को उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त किया है।
पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भूपेंदर यादव को बिहार और अनिल जैन को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा पार्टी ने हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना और सिक्किम के लिए भी प्रभारी और उप प्रभारी के नामों की घोषणा की।
हाल ही में तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी ने नई रणनीति के साथ 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है।