तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चाप तैय्यप एर्दोगन ने साल 2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपने देश की यात्रा का आमंत्रण दिया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी कोई योजना नहीं बनाई गयी है, लेकिन राष्ट्रपति भविष्य में इस मुलाकात के लिए तत्पर होंगे।
सीरिया में जारी संघर्ष के अंत के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सैनकों की वापसी का ऐलान किया था। तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद तुर्की और अमेरिका के रिश्तों में तल्खियाँ आ गयी थी।
तुर्की और अमेरिका के मतभेद
तुर्की के राष्ट्रपति दफ्तर से कहा गया कि रविवार को एक डोनाल्ड ट्रम्प और रिच्चाप तैय्यप एर्दोगन के बीच फ़ोन कॉल के दौरान सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद विकास में सहयोग करने पर रजामंदी जताई है। वांशिगटन सीरिया में कुर्दिश लडाकों को समर्थन करता है, जिसे तुर्की आतकी संगठनों की सूची में रखता है।
अमेरिकी सैन्य अधिकारी इस सप्ताह तुर्की की यात्रा पर अपने समकक्षी के साथ सीरिया से अपने सैनिकों की वापसी की जानकारी के बाबत बातचीत करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प और रिच्चाप तैय्यप एर्दोगन ने सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से सम्बंधित अपने भिन्न विचार रखे थे।
पत्रकार की हत्या की आलोचना
तुर्की के राष्ट्रपति ने पत्रकार की हत्या से सम्बंधित जानकारी को अंतर्राष्ट्रीय जगत में सुर्ख़ियों में रखा था और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस पर लगातार दबाव बनाये रखा था। अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार की हत्या के आदेश सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ही दिए थे, अलबत्ता डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रिपोर्ट को त्रुटिपूर्ण बताया था।
तुर्की की धर्मगुरु के प्रत्यर्पण की मांग
तुर्की अमेरिका से मुस्लिम धर्मगुरु फेथुल्लाह गुलें के प्रत्यर्पण की मांग कर रहे हैं। बीते सप्ताह तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प गुलें के प्रत्यर्पण पर कार्य कर रहे हैं। अलबत्ता अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बाबत कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई थी।