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    विजयशंकर

    2019 आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप के सभी महत्वपूर्ण मैच कुछ ही महीने दूर हैं। इसलिए, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय श्रृंखला खिलाड़ियो के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाली है और यह श्रृंखला खिलाड़ियो के लिए एक विश्वकप की एक “आदर्श तैयारी” होगी।

    हालाँकि भारत ने अपने खिलाड़ियों के मुख्य सेट की कम या ज्यादा पहचान की है और उनमें से अधिकांश के लिए बैकअप है, लेकिन एक क्षेत्र ऐसा भी है जहाँ भारतीय टीम को अभी तक बैकअप नहीं मिला है। यह एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की स्थिति है, जिस पर वर्तमान में हार्दिक पांड्या का कब्जा है।

    जैसे कि विश्वकप 2019 इंग्लैंड की तेज और स्विंग भरी पिचो में खेला जाएगा, तो ऐसे में टीम में एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर होना बहुत जरूरी है। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के पास तेज गेंदबाज ऑलराउंडरो का ढेर है, जहां भारतीय क्रिकेट टीम को संघर्ष करना पड़ सकता है। यह एक अंतर हो सकता है कि भारत विश्वकप जीतकर या खाली हाथ घर वापस लौटेगी।

    कोहली और उनकी टीम ने विश्वकप की तैयारी के लिए 2018 में खेले गए कई टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। जिसमें उनकी टीम ने 2018 एशिया कप भी जीता। लेकिन टीम के लिए अब एक चिंता का विषय यह है कि ऑलराउंडर के रूप में अभी टीम के पास कोई और विकल्प मौजूद नही है।

    अभी भारतीय टीम के पास तेज गेंदबाजी के रूप में हार्दिक पांड्या के अलावा कोई और तेज गेंदबाज ऑलराउंडर शामिल नही है, अगर उनको विश्वकप में इंजरी के कारण बाहर बैठना पड़ जाता है तो फिर टीम के लिए एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की कमी पड़ सकती है। भारतीय टीम के चयनकर्ताओ ने आगामी  ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड एकदिवसीय श्रृंखला के लिए टीम का चयन करते समय इस पहलू को ध्यान में रखा था।

    हार्दिक के बैकअप के रूप में दो खिलाड़ी ऐसे है जिन्हें टीम में जगह दी जानी चाहिए। उसमें शिवम दुवे और विजयशंकर का नाम शामिल है। दुबे एक अटैकिंग बाएं हाथ के बल्लेबाज है और हाल ही में सुनिल गावस्कर ने उनकी बल्लेबाजी की काफी तारीफ की थी। वह दाएं हाथ से गंदबाजी करते है और हाल ही में उन्होने रणजी ट्रॉफी खेलते हुए अपनी टीम मुंबई की तरफ से पांच विकेट चटकाए थे। वह आईपीएल सीजन-12 ऑक्शन में भी काफी डिमांड में थे।

    विजयशंकर भी एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर है, जिसे भारतीय टीम 2019 विश्वकप के लिए चुन सकती है। उन्होने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले है और वह निदहास ट्रॉफी खेलते हुए भी नजर आए थे, उनको उनकी कुछ असफलताओ के लिए अनदेखा नही किया जा सकता, खासकर की सिमित-ओवर के मैचो के लिए।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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