2019 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में राजनितिक समीकरण बदल गए हैं। पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देकर एनडीए से अलग होने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा आज राष्ट्रीय जनता दल+कांग्रेस +हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के महागठबंधन में शामिल गए।
मीडिया के सामने राजद, कांग्रेस और हम नेताओं की उपस्थिति में कुशवाहा ने महागठबंधन का दामन थामा। राजद नेता तेजस्वी यादव और हम नेता जीतन राम मांझी ने उनका महागठबंधन में स्वागत करते हुए कहा कि देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए जितने दल महागठबंधन में शामिल होंगे सबका स्वागत है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन में शामिल होते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा, जेडीयू और नारेंर मोदी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में बड़े बड़े वादे किये थे, देश बदलने की, बिहार बदलने की। इनकी बातों से प्त्रेरित होकम हमने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का बीड़ा उठाया और उनका भरपूर साथ दिया। लेकिन सत्ता में लाने के बाद भाजपा अपने सहयोगी छोटे दलों को ही ख़त्म करने में जुट गई।
उन्होंने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के विकास से ज्यादा उन्हें पाला बदलने की चिंता रहती है। उनका कोई ठीक नहीं वो कब किस पाले में रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब से नीतीश एनडीए में वापस आयें तब से वो उपेन्द्र कुशवाहा को ख़त्म करने की साजिश करने लगे क्योंकि उपेन्द्र कुशवाहा सामाजिक न्याय की बात करते थे।
कुशवाहा ने कहा कि “हमने शिक्षा में सुधार की मांग की तो हमें नीच कह कर अपमानित किया गया। उन्होंने तय कर लिया कि रालोसपा ख़त्म हो गई तो सामाजिक न्याय की मांग उठाने वाला कोई नहीं होगा इसकिये उन्होंने सारी कोशिश कर ली हमारी पार्टी को तोड़ने की।”
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “हमें अपमानित किया गया लेकिन भाजपा खामोश रही। हम दिल्ली दौड़ते रहे लेकिन प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बावजूद हमें मिलने का समय नहीं दिया गया। जब अपमान का पानी सर से ऊपर चला गया तो हमें एनडीए से अलग होना पड़ा।”
उन्होंने तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी को भी धन्यवाद दिया।