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    मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम मायावती और कांग्रेस को करीब ले कर आये लेकिन सोमवार  को राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से बसपा सुप्रीमों ने दूरी बना रखी है। जहाँ कांग्रेस इस पुरे समारोह को विपक्षी एकता का मेगा शो बनाना चाहती है वहीँ मायावती इस पुरे समारोह से नदारद हो कर कांग्रेस को ये सन्देश देना चाहती हैं कि हिंदी हार्टलैंड के कांग्रेस के पक्ष में आये चुनाव परिणाम के बाद भी कांग्रेस के आगे समर्पण करने के मूड में नहीं है।

    सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह सबसे पहले जयपुर में उसके बाद भोपाल में और फिर रायपुर में होंगे। कांग्रेस इन तीनों  समारोहों को ठीक उसी तरह का मेगा शो बनाना चाहती है जैसे कर्नाटक में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह को बनाया गया था, जहाँ पूरा विपक्षी कुनबा एक साथ एक मंच पर उपस्थित था।

    विधानसभा चुनावों से पूर्व मायावती ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ सम्बन्ध तोड़ लिए थे और तीनो राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अकेले चुनाव मैदान में उतर पड़ी थी। लेकिन जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुमत से 2 सीट दूर रह गई तो मायावती ने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने का हवाला दे कर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था।

    शपथ ग्रहण समारोह में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, फारुख अब्दुल्ला, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और डीएमके अध्यक्ष स्टालिन के शामिल होने की उम्मीद है। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा है।

    ममता बनर्जी भी नहीं होंगी शामिल 

    तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भोपाल में कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने रविवार को ये जानकारी दी। मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से समारोह में शामिल न होने के पीछे के कारणों की जानकारी नहीं दी गई।

    हालाँकि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी पार्टी के प्रतिनिधि बनकर भोपाल जायेंगे और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा “मुझे पार्टी अध्यक्ष की तरफ से कहा गया है कि सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी का प्रतिनिधित्व करूँ।”

    ये पूछे जाने पर कि वो क्या सन्देश ले कर भोपाल जा रहे हैं तो उन्होंने कहा “मैं कोई सन्देश ले कर नहीं जा रहा, समारोह में मेरी उपस्थिति ही खुद एक सन्देश है।”

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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