बांग्लादेश की टेलिकॉम नियंत्रक ने सोमवार को कुछ घंटों के लिए देश में दर्ज़नों ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल को पर सुरक्षा कारणों से रोक लगा दी थी। बांग्लादेश में इस माह आम चुनाव से पूर्व अधिकारी सैकड़ों ऑनलाइन पोर्टल की छानबीन करेंगे। बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री शेख हसीना की सरकार पर पत्रकारों की आज़ादी छिनने के लिए नए कानूनों को प्रस्तावित करने के आरोप लगाये गये हैं।
बांग्लादेश टेलीकम्युनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन (बीटीआरसी) ने इंटरनेशनल इन्टरनेट गेटवे (आईआईजी) 58 इन्टरनेट साईट पर रोक लगाने के लिए मंज़ूरी ली थी। बीटीआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि जाकिर होस्सैन खान ने बिना सुरक्षा कारणों का जिक्र किये बताया कि यह न्यूज़ पोर्टल 12 घंटों के लिए पंहुच से बाहर होगा।
आईआईजी के अध्यक्ष सर्वर आलम ने कहा कि जब यह मसला कमीशन के समक्ष रखा गया जो नियम -कानून से संबंधित हैं तो हमें इसका पालन करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। मंत्रालय के अधिकारी अब्दुल मालिक ने कहा कि सूचना मंत्रालय में 50 साईट पंजीकृत नहीं है इसलिए इनकी छानबीन की गयी थी।
उन्होंने कहा कि सभी न्यूज़ पोटर्ल को तरीके के चलाने की जिम्मेदारी मंत्रालय की है ताकि वे आसानी से कार्य कर सके। हसीना सरकार के रोहिंग्या शरणार्थियों को पनाह देने की तारी समस्त जगत कर रह है, जो म्यांमार में सेना के दामन के कारण बांग्लादेश भागकर आये थे।
बांग्लादेश में चुनाव 30 दिसम्बर को होंगे। आलोचकों के मुताबिक हसीना सरकार धीरे-धीरे सत्तावादी बनती जा रही है और जनता की आवाज़ को अद्बाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है।