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    शाहिद खाकन अब्बासी पाकिस्तान

    संयुक्त राष्ट्र की जारी सालाना बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने अफगानिस्तान में भारत की अहम् भूमिका पर सवाल उठाये हैं। पाकिस्तान को लगता है कि भारत के वहां आने से पाकिस्तान की सीमा को खतरा है।

    पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने देश की अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध की रणनीति पुरे विश्व के सामने रखी थी। इसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद को पालने वाला देश कहा था। इसके अलावा ट्रम्प ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को बढ़ाने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि भारत की मदद से दक्षिण एशिया में फैल रहे आतंकवाद का काबू पाया जा सकता है।

    ट्रम्प के इस भाषण पर पाकिस्तान ने भारी नाराजगी जताई थी। पाकिस्तान ने कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान के योगदान को नजरअंदाज करते हुए गलत आरोप डाल रहा है। इसी को चलते पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ होने वाली बैठक को भी रद्द कर दिया था।

    अब संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद अब्बास ने खुद इसपर अपनी चिंता ज़ाहिर की है। दरअसल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने की गुजारिश की थी, लेकिन ट्रम्प ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। इसके बाद हालाँकि उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की।

    इस मुलाक़ात में पाकिस्तानी नेता ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत के होने से पाकिस्तान को खतरा है। साफ़ है, अगर भारतीय सेना अफगानिस्तान में पहुँच जाती है, तो कश्मीर के इलाके में दोनों और भारत की मौजूदगी हो जायेगी। ऐसे में पाकिस्तान दोनों ओर से घिर जाएगा।

    इसपर हालाँकि अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने खास प्रतिक्रिया नहीं दी और पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ देने को कहा। अमेरिका ने कहा कि इस लड़ाई में अगर पाकिस्तान साथ नहीं देता है तो उसके पास खोने को बहुत कुछ है।

    भारतीय सेना भी बहुत जल्द अपनी कुछ टुकड़ियों को अफगानिस्तान भेज सकती है। अमेरिका ने भी हाल ही में अपनी सेना की 3000 टुकड़ियों को अफगानिस्तान भेजने का फैसला किया है।

    अफगानिस्तान में इस समय मुस्लिम आतंकवादी सगठनों जैसे आईएसआईएस और अल कायदा का बोलबाला है। इस वजह से वहां की जनता सालों से परेशान है। अमेरिका ने यह लड़ाई 2001 में शुरू की थी। इस दौरान अमेरिका ने कई आतंकवादी इलाकों को नष्ट किया है। भारत की वहां उपस्थिति में दोनों सेनाएं मिलकर इस लड़ाई में भागीदार बनेंगी।

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के अफगानिस्तान में भूमिका पर कहा है कि भारत को वहां सेना नहीं भेजनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि भारत कोई आर्थिक सहायता करना चाहता है तो वह कर सकता है।

    भारत के अफगानिस्तान के साथ बढ़ते व्यापारिक रिश्तों पर शाहिद अब्बासी ने कहा कि इससे पाकिस्तान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि हर देश को यह अधिकार है कि वह किसी अन्य देश से व्यापारिक रिश्ते बनाये।

    इस मामले में आज अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को ही चेताया है। अफगानी राष्ट्रपति घानी ने कहा है पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है और पाकिस्तान से कुछ भी अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इस मामले में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मिलकर इस योजना पर बातचीत की।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।