समाजवादी पार्टी के संरक्षक और वयोवृद्ध नेता मुलायम सिंह यादव ने कल अपने भाई शिवपाल यादव की नवगठित पार्टी ‘प्रगतीशील समाजवादी पार्टी -लोहिया’ की पहली रैली में पहुँच कर सबको अचंभित कर दिया क्योंकि ना तो मुलायम सिंह यादव को इसके लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया था और न पार्टी के पोस्टरों पर मुलायम सिंह यादव की तस्वीर थी।
मुलायम सिंह यादव रैली में समाजवादी पार्टी की लाल टोपी लगाए अपनी छोटी बहुत समाजवादी पार्टी की नेता अपर्णा यादव के साथ पहुंचे।
अपने संबोधन ने मुलायम सिंह यादव ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार अपने वादों को पूरा करने में असमर्थ रही है।
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मुलायम बोल तो रहे थे ‘प्रगतीशील समाजवादी पार्टी -लोहिया’ की रैली में लेकिन लगता है थोड़ी देर बाद वो ये भूल गए और अखिलेश यादव की सामाजवादी पार्टी के बारे में बोलना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा “साम्प्रादायिक ताकतें फिर अपने हाथ उठाने लगी हैं। मैंने हमेशा ऐसे ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। ऐसे वक़्त में समाजवादी पार्टी को मजबूत होना होगा।” मुलायम अभी बोल ही रहे थे कि शिवपाल की पार्टी की रैली में अखिलेश की पार्टी का जिक्र सुनकर शिवपाल समर्थक भड़क गए और नारेबाजी के जरिये उन्हें याद दिलाने लगे कि ये समाजवादी पार्टी की रैली नहीं है।
मुलायम की रैली में शिवपाल समर्थनों ने दोबारा व्यवधान तब डाला जब उन्होंने अगले चुनाव में लोगों से समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने की अपील कर डाली। भाषण में व्यवधान से नाराज हो कर मुलायम ने कहा “ऐसे लोग मेरी सभा में न आयें।” उसके बाद शिवपाल ने उन्हें एक कागज़ का टुकड़ा दिया, इसे देखने के बाद उन्होंने कि अगला चुनाव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी -लोहिया के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
मुलायम सिंह ने रैली की सफलता के लिए शिवपाल यादव को बधाई दी और कहा कि इतनी बड़ी रैली और इतने लोगों का जमावड़ा मैंने लखनऊ में कभी नहीं देखा।