फ्रांस के पेरिस में निरंतर तीन हफ़्तों से ईंधन की कीमतों में शुल्क वृद्धि के कारण हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। फ्रेंच विभागों ने इन हिंसक प्रदर्शनों से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत कर दी है, नतीजतन शनिवार को आइफेल टावर बंद रहेगा। फ्रेंच की राजधानी पेरिस में 8000 पुलिस कर्मी तैनात किये हैं।
प्रदर्शन का असर
पेरिस की पुलिस ने हाई रिस्क वाले 14 इलाकों की पहचान कर ली है। प्रदर्शनकारी फर्नीचर और कंस्ट्रक्शन साईट पर को निशाना बना सकते हैं, पेरिस पुलिस ने ने सभी कांच के कंटेनर, रेलिंग और बिल्डिंग मशीन को हटा लिया है। समस्त देश में 89 हज़ार पुलिस कर्मी प्रदर्शनकारियों पर नज़र बनाये हुए हैं। दशकों बाद हुए इस हिंसक प्रदर्शन में पिछले हफ्ते 130 लोग घायल हुए थे जबकि 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पेरिस विभाग ने देश में आयोजित छह फ्रेंच लीग के सॉकर मैचों को भी रद्द कर दिया है। ईंधन के बढ़ते दामों के खिलाफ 17 नवम्बर से शुरू हुए इस हिंसक प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गयी थी। प्रदर्शनकारियों ने इसे ‘येलो वेस्ट’ आन्दोलन से सम्बंधित कहा था।
राष्ट्रपति एम्मनुएअल मैक्रॉन के आलावा कई प्रदर्शनकारियों, फ्रेंच अधिकारियों और दिग्गज राजनीतिज्ञों ने शांति बनाये रखने का आग्रह किया था। द नेशनल फेडरेशन ऑफ़ फ्रेंच मार्किट ने कहा कि क्रिसमस का त्यौहार बाज़ार को प्रभावित करता है हालांकि इस येलो वेस्ट आन्दोलन के कारण खरीददारी में 30 से 40 फीसदी की कमी आई है।
आइफेल टावर के आलावा फ्रांस में कई दुकाने और म्यूजियम शनिवार को सुरक्षा कारणों से बंद रहेंगे। फ्रांस के सांस्कृतिक मंत्री ने कहा कि हमें पेरिस में संस्कृति का संरक्षण करने की जरुरत है बल्कि पुरे फ्रांस में करना होगा।
अन्य मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं प्रदर्शनकारी
अब प्रदर्शनकारियों की मांगे अन्य मसलों की तरफ झुक गयी हैं। इन हिंसक दंगों के कारण फरसे के बाज़ार की रौनक भी नदारद रही थी। ईंधन की कीमत बढ़ने से नाराज होकर वाहनचालकों ने इस प्रदर्शन की शुरुआत की थी लेकिन अब महंगे जीवन स्तर के के कारण यह प्रदर्शन व्यापक होता जा रहा है। इस प्रदर्शन में आंदोलनकारी पेंशन में वृद्धि, टैक्स के कमी, उच्च तनख्वाह और राष्ट्रपति मैक्रोन की सरकार को जनता की सरकार में तब्दील होने की मांग की है।