सिस्तान- बलूचिस्तान प्रांत के निकट स्थित चाबहार शहर में गुरूवार को एक आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गयी थी और 40 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इस आत्मघाती हमले के तार पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद समूह के अधीन अंसार अल फोर्घन से जुड़ रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान में पनाहगार आतंकी समूह ने ही इस हमले को अंजाम दिया है।
ईरान की अधिकारी रिपोर्ट
ईरान की अधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक इस आतंकी हमले में प्रतिबंधित अंसार अल फोर्घन का हाथ है। इस समूह का सीधा नाता पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद से हैं। साथ ही इस आतंकी समूह का नाता अल नुसरत फ्रंट से भी है जो सीरिया के अल कायदा का भाग है।
जेएएम भारत की संसद में साल 2001 में हुए आतंकी हमले का साजिश करता भी था, जिसका नेतृत्व आतंकी मौलाना मसूद अजहर करता है। संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर पर प्रतिबन्ध लगाने को तैयार था लेकिन चीन ने इस पर वीटो कर दिय था। भारत और चीन के रिश्तों में खटास का यह एक बहुत बड़ा कारण है।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ़ के मुताबिक चाहबाहर हमले के पीछे विदेशी समर्थित आतंकियों का हाथ है। उन्होंने कहा कि विदेशी समर्थित आतंकियों ने चाहबाहर के मासूम निर्दोष लोगों की हत्या और उन्हें जख्मी किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सज़ा जाएगी, बख्शा नहीं जायेगा।
भारत ने विदेश मंत्रालय ने ईरानी सरकार, ईरानी आवाम और इस हमले के पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि भारत इस आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करता है। भारत ने उम्मीद जताई कि इस हमले में जख्मी लोग जल्द ही दुरुस्त हो जाए।
चाबहार बंदरगाह की महत्वता
चाहबाहर बंदरगाह पाकिस्तान से सटी सीमा के प्रांत बलूचिस्तान से भी लगता है। जो पाकिस्तानी समर्थित सुन्नी अलगाववादियों और सुन्नी मुस्लिम चरमपंथियों का गढ़ है, सीमा पर से ईरान पर नियमित हालमे कराये जाते हैं।
सनद हो कि भारत और ईरान साझा चाबहार बंदरगाह का निर्माण कर रहे है। चीनी प्रभुत्व को टक्कर देने के लिहाज से भारत के लिए यह बंदरगाह काफी महत्वपूर्ण है। चाहबाहर बंदरगाह से भारत अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पंहुच सकता है।