अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच लगातार नाजुक हालत बने हुए हैं। ऐसे में रूस ने कहा है कि वह इन दोनों देशों के बीच गंभीर हालातों को सुधारने में मदद कर सकता है।
उत्तर कोरिया लगातार परमाणु परिक्षण के जरिये अमेरिका और दक्षिण कोरिया को युद्ध की धमकियाँ दे रहा है। अमेरिकी भी उसके इस कड़े रुख का लगातार जवाब दे रहा है। इस मसले में रूस के पक्ष को लेकर कई चर्चाएं है।
रूस ने कई बार आगे आकर किम जोंग उन का समर्थन किया है वहीँ अमेरिका के कहने पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का भी समर्थन किया है। ऐसे में रूस किसका पक्ष लेता है, इस बात पर असमंजस बना हुआ है।
रूस ने हाल ही में कहा है कि किम जोंग को नियंत्रण में लाने में वह अमेरिका की मदद कर सकता है। एशिया में चीन के अलावा रूस को भी उत्तर कोरिया का साथी माना जा रहा है। इसपर रूस ने कहा है कि उत्तर कोरिया अपने आप को परमाणु रहित नहीं करेगा और ना ही वह अपने आप को परमाणु शक्ति घोषित करेगा।
रूस के मुताबिक उत्तर कोरिया को विश्व से अलग थलग करने से कोई फायदा नहीं होगा। इससे हालत और बिगड़ सकते हैं। बल्कि उत्तर कोरिया को अंतराष्ट्रीय व्यापार से जोड़ना चाहिए जिससे हालत जरुर सुधरेंगे।
इस समय चीन और रूस उत्तर कोरिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। करीबन 30000 से 50000 उत्तर कोरियाई लोग रूस में काम कर रहे हैं। इसके अलावा रूस उत्तर कोरिया को तेल भी भेजता है। इन सब कारणों से रूस उत्तर कोरिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
जितना चीन उत्तर कोरिया के लिए असरदार है, उतना ही असरदार रूस है। ऐसे में व्लादमीर पुतिन का मानना है कि वह अमेरिका के लिए इस मसले को सुलझाने में मदद कर सकता है।
रूस ने इस मसले को सुलझाने के कुछ उपाय बताये हैं। पहला रूस से दक्षिण कोरिया तक एक गैस पाइपलाइन बनायीं जाए जो उत्तर कोरिया से होकर गुजरेगी। दूसरा, दक्षिण कोरिया से रूस के ट्रांस साइबेरिया जाने वाले रेल मार्ग को फिर से शुरू किया जाए, जो उत्तर कोरिया से होकर गुजरेगा। इन दोनों रास्तों से उत्तर कोरिया को अंतराष्ट्रीय व्यापार से जोड़ा जा सकेगा एवं दोनों कोरियाई देशों के बीच साझेदारी भी कायम होगी।
दरअसल किम जोंग को खतरा है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया मिलकर उसका तख्तापलट कर देंगे। रूस के मुताबिक यदि अमेरिका उसको उसकी सुरक्षा का भरोसा दिलाते हैं, तो उसे नियंत्रण में लिया जा सकता है।
इसके अलावा कोरिया पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों से उसपर कोई असर नहीं होता दिख रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबद्ध लगाए थे, जिसके बाद भी देश ने एक बड़ा परमाणु परिक्षण किया था।
ऐसे में यह साफ़ है कि बातचीत के जरिये ही इस संकट को रोका जा सकता है। इसे रोकने के लिए चीन और रूस अहम् भूमिका निभा सकते हैं।