अमेरिका और ईरान के मध्य साल 2015 में हुई परमाणु संधि ख़त्म होने के बाद तल्खियाँ अपने चरम पर है। अमेरिका ने ईरान पर 5 नवम्बर से दूसरे दौर के प्रतिबन्ध लगा दिए थे। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका ईरान से तेल निर्यात करने पर प्रतिबन्ध नहीं लगा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो खाड़ी से तेल निर्यात बंद कर दिया जाएगा।
अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगाये थे। अमेरिका के अधिकारियों ने कहा कि ईरान से तेल निर्यात होना शून्य कर देंगे ताकि ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभुत्व पर रोक लगाई जा सके।
हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका को मालूम होना चाहिए कि हम तेल का निर्यात कर रहे हैं और हम तेल बेचना जारी रखेंगे, अमेरिका हमारे तेल निर्यात पर पाबन्दी लगाने का अधिकार नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि अगर एक दिन अमेरिका ने ईरानी तेल के निर्यात में पाबन्दी लगाई तो पर्शियन गल्फ से तेल निर्यात होना बंद हो जायेगा।
हसन रूहानी ने अमेरिका के परमाणु संधि तोड़ ने और आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने के बाद कहा था कि अमेरिका अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पायेगा। ईरान के उप राष्ट्रपति इशाक जहाँगीरी ने कहा कि अमेरिका प्रतिबन्ध की चपेट से कई ईरानी नागरिकों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिका कहता है कि उसका निशाना सिर्फ ईरानी सरकार है और वह मासूम नागरिक, समाज के निचले तबके के लोगों पर दबाव नहीं बनाना चाहता, तब वह झूठ बोलता है।
हसन रूहानी ने कहा कि इन प्रतिबंधों का हमारी आर्थिक स्थिति पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा क्योंकि अमेरिका पहले ही हमे दबाने के लिए सभी हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने कहा ईरान के खिलाफ अमेरिका का रवैया कुछ नया नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने बैंकों, उनकी शाखाओं और प्लेन की एक लंबी फेरहिश्त जारी कर दी है जिन पर प्रतिबंध लगाए हैं। और यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह ईरानी जनता को इससे प्रभावित नही होने देंगे।